...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
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प्रश्न -चिन्ह ?
पता नहीं , कब-कहां गुम हो गया जिंदगी का फ़लसफ़ा, न तो हम बावफ़ा ही बन पाए और ना ही बेवफ़ा।
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स्कूटर और उनकी पत्नी स्कूटी शहर के उत्तरी हिस्से में सरकारी आवास संस्था द्वारा निम्न आय वर्ग के लोगो के लिए ख़ासतौर पर निर्म...
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पहाड़ों की खुशनुमा, घुमावदार सडक किनारे, ख्वाब,ख्वाहिश व लग्न का मसाला मिलाकर, 'तमन्ना' राजमिस्त्री व 'मुस्कान' मजदूरों...
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शहर में किराए का घर खोजता दर-ब-दर इंसान हैं और उधर, बीच 'अंचल' की खुबसूरतियों में कतार से, हवेलियां वीरान हैं। 'बेचारे' क...
bhagna bhi ek kala hai....bhago-bhago aur bhagao..
ReplyDeletebahut khoob!
बहुत बढ़िया |
ReplyDeleteब्लाक लाक क्लाक
सब पर भागना ही लिखा है मौनी बाबा को ||
हा हा .. शुक्र है भाग रहे हैं ... थप्पड़ नहीं मार रहे ... अब तो क्या क्या हो रहा है ..
ReplyDeleteमजेदार कार्टून ...
वाह गोदियाल जी..कहते है एक चित्र हजार लाइन व्यक्त करता है..बहुत सुन्दर व्यंग्य दर्शाया है...सच में आजकल कोल ब्लाक कुछ ज्यादा ही मशहूर हो गया है..या बदनाम कहे तो ज्यादा ठीक है..
ReplyDeleteबढ़िया प्रस्तुति के लिए साधुवाद..नमस्कार