Tuesday, October 25, 2016

Because.....


1 comment:

  1. हा हा मस्त ... मिस्त्री साहब गए ... क्या बात ...

    ReplyDelete

उपजीवी !

मिली तीन-तीन गुलामियां तुमको प्रतिफल मे, और कितना भला, भले मानुष ! तलवे चाटोगे। नाचना न आता हो, न अजिरा पे उंगली उठाओ, अरे खुदगर्जों, जैसा ब...