Monday, November 23, 2020

लोन औन फोन...

 ऐ साहुकार, तु कर न 

वसूली की तकरार,

मुझे दिए हुए लोन पे,


मन्ने तो मांगा नी था,

लोन देने का कौल 

तेरा ही आया था 

भैया, 

मेरे फोन पे ।

1 comment:

व्यथा

  तुझको नम न मिला और तू खिली नहीं, ऐ जिन्दगी ! मुझसे रूबरू होकर भी तू मिली नहीं।