Monday, November 23, 2020

लोन औन फोन...

 ऐ साहुकार, तु कर न 

वसूली की तकरार,

मुझे दिए हुए लोन पे,


मन्ने तो मांगा नी था,

लोन देने का कौल 

तेरा ही आया था 

भैया, 

मेरे फोन पे ।

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संशय !

मौसम त्योहारों का, इधर दीवाली का अपना चरम है, ये मेरे शहर की आ़बोहवा, कुछ गरम है, कुछ नरम है, कहीं अमीरी का गुमान है तो कहीं ग़रीबी का तूफान...