Friday, November 6, 2020

इतना न इतराओ...

जब हम न होंगे, 

मायूस तो तुम अवश्य होंगी 

हमें खोकर ।

जीवन मे पग-पग,

बिंदास हमें लगने वाली ऐ, 

हर एक ठोकर ।।

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संशय !

मौसम त्योहारों का, इधर दीवाली का अपना चरम है, ये मेरे शहर की आ़बोहवा, कुछ गरम है, कुछ नरम है, कहीं अमीरी का गुमान है तो कहीं ग़रीबी का तूफान...