जब हम न होंगे,
मायूस तो तुम अवश्य होंगी
हमें खोकर ।
जीवन मे पग-पग,
बिंदास हमें लगने वाली ऐ,
हर एक ठोकर ।।
...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
ये सच है, तुम्हारी बेरुखी हमको, मानों कुछ यूं इस कदर भा गई, सावन-भादों, ज्यूं बरसात आई, गरजी, बरसी और बदली छा गई। मैं तो कर रहा था कबसे तुम...
वाह, ठोकरों से सटीक वार्तालाप। ।।।
ReplyDeleteलजवाब।
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