अक्सर , गम़ सदा ही मुखर रहे,
खुशियों के राज मे,
फिर सिमट गये ख्वाब सारे,
उम्र की दराज़ मे।
...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
हमेशा झूमते रहो सुबह से शाम तक, बोतल के नीचे के आखिरी जाम तक, खाली हो जाए तो भी जीभ टक-टका, तब तलक जीभाएं, हलक आराम तक। झूमती जिंदगी, तुम क्...
उम्र की दराज़
ReplyDeleteगागर में सागर। बहुत-बहुत बधाई आपको।
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