इन्होने ऊँच-नीच के अहसास को,
पिछले बासठ सालो से,
हर हिन्दुस्तानी के दिल में
आरक्षण से जगाये रखा,
इसलिए इनकी जय हो !
इन्होने जाति-धर्म, क्षेत्र के हास को
पिछले बासठ सालो से,
छद्म-निरपेक्षता के अंगारों पर,
समाज में सुलगाये रखा,
इसलिए इनकी जय हो !
इन्होने गरीबी के उपहास को
पिछले बासठ सालो से,
अमीरो की जुबान में ,
तरतीब से सजाये रखा,
इसलिए इनकी जय हो !
इन्होने गुलामी के दास को
पिछले बासठ सालो से,
हर छोटे-बड़े नेता के घर में
दामाद बनाके बिठाये रखा,
इसलिए इनकी जय हो !
इन्होने अपने भोग-विलास को
पिछले बासठ सालो से,
चंदे और दलाली की विसात पर
बार और कोठो में पनपाये रखा,
इसलिए इनकी जय हो !
पिछले बासठ सालो से,
हर हिन्दुस्तानी के दिल में
आरक्षण से जगाये रखा,
इसलिए इनकी जय हो !
इन्होने जाति-धर्म, क्षेत्र के हास को
पिछले बासठ सालो से,
छद्म-निरपेक्षता के अंगारों पर,
समाज में सुलगाये रखा,
इसलिए इनकी जय हो !
इन्होने गरीबी के उपहास को
पिछले बासठ सालो से,
अमीरो की जुबान में ,
तरतीब से सजाये रखा,
इसलिए इनकी जय हो !
इन्होने गुलामी के दास को
पिछले बासठ सालो से,
हर छोटे-बड़े नेता के घर में
दामाद बनाके बिठाये रखा,
इसलिए इनकी जय हो !
इन्होने अपने भोग-विलास को
पिछले बासठ सालो से,
चंदे और दलाली की विसात पर
बार और कोठो में पनपाये रखा,
इसलिए इनकी जय हो !
Well said, Inki Jai to ho lekin khuda kare Vijay na ho .
ReplyDeleteफिर तो इनकी दो बार जय हो !
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