Saturday, May 23, 2020

असमंजस


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मौसम जाड़े का..

सुना न पाऊंगा मैं, कोई कहानी रस भरी, जुबां पे दास्तां तो है मगर, वो भी दर्द भरी, सर्द हवाएं, वयां करने को बचा ही क्या है? यह जाड़े का मौसम ह...