Friday, October 3, 2025

पैन्दा बिन पैंदे ...

 


6 comments:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में रविवार, 5 अक्टूबर , 2025 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!

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  2. महात्मा है ना | दिख ना रिया का? हा हा | बढ़िया |

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मौन-सून!

ये सच है, तुम्हारी बेरुखी हमको, मानों कुछ यूं इस कदर भा गई, सावन-भादों, ज्यूं बरसात आई,  गरजी, बरसी और बदली छा गई। मैं तो कर रहा था कबसे तुम...