...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
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उपजीवी !
मिली तीन-तीन गुलामियां तुमको प्रतिफल मे, और कितना भला, भले मानुष ! तलवे चाटोगे। नाचना न आता हो, न अजिरा पे उंगली उठाओ, अरे खुदगर्जों, जैसा ब...
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नोट: फिलहाल टिप्पणी सुविधा मौजूद है! मुझे किसी धर्म विशेष पर उंगली उठाने का शौक तो नहीं था, मगर क्या करे, इन्होने उकसा दिया और मजबूर कर द...
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पहाड़ी प्रदेश , प्राइमरी स्कूल था दिगोली, चौंरा। गांव से करीब दो किलोमीटर दूर। अपने गांव से पहाड़ी पगडंडी पर पैदल चलते हुए जब तीसरी कक्षा क...
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स्कूटर और उनकी पत्नी स्कूटी शहर के उत्तरी हिस्से में सरकारी आवास संस्था द्वारा निम्न आय वर्ग के लोगो के लिए ख़ासतौर पर निर्म...
वाह वाह गोदियाल जी !
ReplyDeleteबहुत बढ़िया शे'र कहा है ।
गज़ब के शे'र ……………सभी एक से बढकर एक्
ReplyDeleteखुदी को कर बुलंद इतना.......:)
ReplyDeleteनिराला अंदाज।
ReplyDeleteVaah .. Juda sa andaaz hai ....
ReplyDeletePar lajawab hai ..
शानदार..... वाह वाह.
ReplyDeleteबहुत बढ़िया ...
ReplyDeleteआह से वाह तक की सैर कराती प्रस्तुति....
ReplyDeleteशानदार....!
राम राम जी,
कुँवर जी,
बहुत बढ़िया प्रस्तुति| धन्यवाद|
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया
ReplyDeleteला ... ज ... वा .... ब ...
ReplyDeleteलाजवाब है...
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