सुना है, बेनमाजी भी अब नमाजी बन गए है,
कलतक निट्ठले थे जो, कामकाजी बन गए है।
अदाई की रस्म खुद को तो निभानी आती नहीं,
और जनाव हैं कि शहरभर के काजी बन गए है।
जब से बने हैं, यही बताते फिर रहे लोगो को
कि ख़ुदा नाफरमान की हिमायत नहीं करता।
खुद फरमान बरदारी की बात आई जब तो,
मस्साल्लाह, जनाब दगाबाजी बन गए है।
कलतक निट्ठले थे जो, कामकाजी बन गए है।
अदाई की रस्म खुद को तो निभानी आती नहीं,
और जनाव हैं कि शहरभर के काजी बन गए है।
जब से बने हैं, यही बताते फिर रहे लोगो को
कि ख़ुदा नाफरमान की हिमायत नहीं करता।
खुद फरमान बरदारी की बात आई जब तो,
मस्साल्लाह, जनाब दगाबाजी बन गए है।
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