Saturday, August 18, 2012

नेक सलाह दे रहा हूँ......... !



यदि आप प्रोपर्टी में इन्वेस्टमेंट की सोच रहे है, और आगे चलकर आपका मकसद कोई अपना धंधा करने अथवा प्राइवेट सैक्टर में नौकरी करने का है तो बिना किसी लाग-लपेट, बिना किसी स्वार्थ के फ्री में यह नेक सलाह दूंगा कि गुजरात के किसी इंडस्ट्रियल हब के आस-पास एक जमीन का टुकडा खरीद लीजिये, फायदे में रहोगे ! क्योंकि जहां तक बाकी देश , खासकर जिन राज्यों में तथाकथित स्यूडो-सेक्युलरिज की पूजा होती है, वहाँ का सवाल है , हमारे ये मार्गदर्शक सिर्फ और सिर्फ तुष्टिकरण भी कर पाए तो वही काफी है ! आज एक खबर/आलेख पर नजर गई, (आप भी यहाँ नजर फरमा सकते है) तो याद आया कि क्यों मारुती-सुजूकी के भी गुजरात सिफ्ट होने के कयास लगाए जा रहे थे ! क्यों टाटा ने सिंगूर से अपना प्लांट गुजरात सिफ्ट किया ! और अब उत्तर प्रदेश के व्यावसायिक घराने भी उसी कतार में खड़े है, और हों भी क्यों नहीं, हर कोई अपना फायदा देखता है ! ये राजनैतिक दल जो तमाम देश की ऐसी-तैसी करने में जुटे है, ये किसका फायदा देखकर यह सब कर रहे है ? विकास पुरुष मोदी अपने राज्य को सुदृढ़ बना रहे है, और कल ये सेक्युलरिज्म के चैम्पियन उनको दोष भी देंगे कि उन्होंने सारे उद्योगों को गुजरात में समेट लिया, कोई इनसे पूछे कि जनाब, तुम्हे ऐसा ( अपने राज्य का विकास) करने की मनाही किसने की थी, क्यों नहीं तुमने भी वही किया ? मगर लाख टके का सवाल तो यह है कि लोकतंत्र के इन चैम्पियनो से पूछेगा कौन ?

8 comments:

  1. गोदियाल जी, यही सलाह गुजरात में कार्यरत एक साथी ने महीना भर पहले दी थी, आपकी राय भी मान लेते बस पैसों का ही रोना है :(
    हमारे बैंक के कई लोग जो गुजरात से बाहर के हैं लेकिन गुजरात पोस्टिंग मिलने के बाद वहीं के होकर रह गए हैं| पिछले महीने एक प्रशिक्षण कार्यक्रम में दो अल्पसंख्यक साथी मिले जो बिहार के हैं लेकिन अब गुजरात में सैटल हो चुके हैं और जिन्होंने गुजरात देखा भी नहीं, वो पता नहीं क्या क्या शोर मचाते फिरते हैं|

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  2. jis jagah vikas hogaa ,uskee ahamiyat badhegee .

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  3. कभी डकैतों से रहा, चम्बल जल बदनाम |
    आज फकैतों ने लिया, जाल जला जल जाम |
    जाल जला जल जाम, जमीं जर जंगल जोरू |
    रहे लूट दोउ हाथ, बैठ मैं खीस निपोरुं |
    पक्का किया करेज, लीज पर मैं भी लूंगा |
    रक्खूं भूमि सहेज, घूस भी दूना दूंगा ||

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  4. दुख होता है कि‍ मोदी का अच्‍छा कार्य सेक्‍युलरों को दि‍खाई नहीं देता. मतभेद भी हो, तो भी आंखें ही बंद कर लेना तो कोई जवाब नहीं हुआ न
    .

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  5. ईद मुबारक !
    आप सभी को भाईचारे के त्यौहार की हार्दिक शुभकामनाएँ!
    --
    इस मुबारक मौके पर आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल सोमवार (20-08-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
    सूचनार्थ!

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  6. शान्ति विकास की प्रथम शर्त है..

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प्रश्न -चिन्ह ?

  पता नहीं , कब-कहां गुम हो  गया  जिंदगी का फ़लसफ़ा, न तो हम बावफ़ा ही बन पाए  और ना ही बेवफ़ा।