Saturday, January 11, 2020

जागो सोने वालों, जागो !

तीन-तीन गुलामियों का यही तो सबसे बडा राज है जो देशभर की सडकों पर दिखाई दे रहा आज है। राष्ट्रहित मे खुद को, मिटा दिया था कुछ फौलदों ने, मगर, गुड-गोबर एक कर दिया, जयचंद की औलादों ने।। इसलिए, जागो सोने वालों, जागो!

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प्रश्न -चिन्ह ?

  पता नहीं , कब-कहां गुम हो  गया  जिंदगी का फ़लसफ़ा, न तो हम बावफ़ा ही बन पाए  और ना ही बेवफ़ा।