Tuesday, December 4, 2012

कार्टून कुछ बोलता है- पैरेंट्स व्यथा !


8 comments:

  1. आयर-लैंडी भ्रूण हो, हो असमय नहिं मौत ।

    बचपन बीते नार्वे, मातु-पिता गर सौत ।

    मातु-पिता गर सौत, हेकड़ी वहां भुला दे ।

    यू के में पढ़ युवा, सेक्स ब्राजील खुला दे ।

    शादी भारत आय, सके नहिं लेकिन कायर ।

    बिता बुढापा जाय, सही सबसे है आयर ।।

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  2. :):) अब बच्चे ऐसे ही धमकाने वाले हैं ।

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  3. वहां जाकर बच्चे नहीं , पेरेंट्स को सुधारना पड़ेगा. :)

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  4. दराल साहब की बात सही है, नॉर्वे मे तो माँ-बाप का ही इलाज हो रहा है

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  5. :-)

    मरना थोड़े ही है!

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  6. बच्चे न जाने कब से जिद कर रहे हैं।

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वक्त की परछाइयां !

उस हवेली में भी कभी, वाशिंदों की दमक हुआ करती थी, हर शय मुसाफ़िर वहां,हर चीज की चमक हुआ करती थी, अतिथि,आगंतुक,अभ्यागत, हर जमवाडे का क्या कहन...