...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
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उपजीवी !
मिली तीन-तीन गुलामियां तुमको प्रतिफल मे, और कितना भला, भले मानुष ! तलवे चाटोगे। नाचना न आता हो, न अजिरा पे उंगली उठाओ, अरे खुदगर्जों, जैसा ब...
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नोट: फिलहाल टिप्पणी सुविधा मौजूद है! मुझे किसी धर्म विशेष पर उंगली उठाने का शौक तो नहीं था, मगर क्या करे, इन्होने उकसा दिया और मजबूर कर द...
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पहाड़ी प्रदेश , प्राइमरी स्कूल था दिगोली, चौंरा। गांव से करीब दो किलोमीटर दूर। अपने गांव से पहाड़ी पगडंडी पर पैदल चलते हुए जब तीसरी कक्षा क...
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स्कूटर और उनकी पत्नी स्कूटी शहर के उत्तरी हिस्से में सरकारी आवास संस्था द्वारा निम्न आय वर्ग के लोगो के लिए ख़ासतौर पर निर्म...
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDeleteअच्छी प्रस्तुति !!
ReplyDeleteha ha ha ....
ReplyDeletegajab ka tanz h
मेरी नयी पोस्ट पर आपका स्वागत है
http://rohitasghorela.blogspot.in/2012/12/blog-post.html
बहुत खूब!
ReplyDeleteबेहतर प्रस्तुति !!
ReplyDeleteबेहतर प्रस्तुति !!
ReplyDeleteबड़े प्लान हैं।
ReplyDeleteगरीब के लिए तो आने वाले दिन प्रलय से कम नहीं होंगे|
ReplyDeleteGyan Darpan
:-)
ReplyDeleteहा हा हा
ReplyDeleteFD आई :)
उम्दा, बेहतरीन प्रस्तुति !!
ReplyDeleteकुछ दिनों से अधिक व्यस्त रहा इसलिए आपके ब्लॉग पर आने में देरी के लिए क्षमा चाहता हूँ !
मेरी नयी पोस्ट पर आपका स्वागत है
ReplyDeleteमेरे पिता ही मेरी माँ --जन्मदिन पर विशेष
http://sanjaybhaskar.blogspot.in/2012/12/2.html#links
ये प्रलय तो अब आने ही वाली है ... गरीबों का हाथ ही है इसके पीछे ... जबरदस्त ...
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