Friday, December 7, 2012

चित्र-विचार !

आज आपसे अनुरोध करूंगा कि इस तनिक संशोधित चित्र पर नजर डालिए और विचारिये !










छवि एक्सप्रेस ट्रिब्यून से साभार !



4 comments:

  1. सच्चाई बयाँ करता चित्र

    मेरी नयी पोस्ट पर आपका स्वागत है
    http://rohitasghorela.blogspot.in/2012/12/blog-post.html

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  2. अभी बहुत वक्त लगेगा.

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  3. हम तो खड़े खड़े पूर्ण आनन्द ले रहे हैं

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सहज-अनुभूति!

निमंत्रण पर अवश्य आओगे, दिल ने कहीं पाला ये ख्वाब था, वंशानुगत न आए तो क्या हुआ, चिर-परिचितों का सैलाब था। है निन्यानबे के फेर मे चेतना,  कि...