...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
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वक्त की परछाइयां !
उस हवेली में भी कभी, वाशिंदों की दमक हुआ करती थी, हर शय मुसाफ़िर वहां,हर चीज की चमक हुआ करती थी, अतिथि,आगंतुक,अभ्यागत, हर जमवाडे का क्या कहन...

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नोट: फिलहाल टिप्पणी सुविधा मौजूद है! मुझे किसी धर्म विशेष पर उंगली उठाने का शौक तो नहीं था, मगर क्या करे, इन्होने उकसा दिया और मजबूर कर द...
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स्कूटर और उनकी पत्नी स्कूटी शहर के उत्तरी हिस्से में सरकारी आवास संस्था द्वारा निम्न आय वर्ग के लोगो के लिए ख़ासतौर पर निर्म...
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You have chosen sacred silence, no one will miss you, no one will hear your cries. No one will come to put roses on your grave wit...
बहुत ख़ूबसूरत.
ReplyDeletehttp://bulletinofblog.blogspot.in/2012/03/5.html
ReplyDeleteबहुत सुंदर...
ReplyDeleteहाँ, अब बाँसुरी कम, नगाड़ा अधिक बजता है।
ReplyDeleteसही कहा, यही पहचान हो गई है.
ReplyDeleteAAJ TO YUG HI ESKA HAE JO JITNA HALLA MACHAYEGA UTNA HI ATTENTION PAYEGA
ReplyDeleteSACHMUCH BAHUT HI SARTHAK RACHNA
सटीक व्यंग ।
ReplyDeleteकरार व्यंग ...
ReplyDelete·म शब्दों में अधि· और सारगर्भित बात।
ReplyDeleteकम शब्दों में अधिक और सारगर्भित बात।
ReplyDeletesateek prastuti..
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