Wednesday, March 21, 2012

कार्टून कुछ बोलता है- गरीबी रेखा !

नए मानक गरीबी के :


शहरों में : रु० २८.६५ प्रतिदिन

गाँवों में:   रु० २२.४४ प्रतिदिन


 चित्र संकलन नेट से साभार !

9 comments:

  1. पता नहीं शहर का सच क्या है।

    ReplyDelete
  2. ऊपर आने के बाद का सच भी कितना कडुवा है ... सच है कार्टून बोल रहा है आज ... चीख चीख के ...

    ReplyDelete
  3. कुछ नही बहुत कुछ बोल गया

    ReplyDelete
  4. दिल्ली जैसे शहर में भिखारी नीचे कब थे ! :)

    ReplyDelete
  5. इन्हें इंसानों की मौत से कोई फर्क नही पड़ता . badhiya cartoon

    ReplyDelete
  6. सरकारी प्रयास जैसे भी होते हों किन्तु आपका प्रयास सराहनीय है भाई.

    ReplyDelete
  7. सटी· व्यंग्य। मजा· बना·र रख दिया है यूपीए सर·ार ने गरीबों ·ा।

    ReplyDelete

संशय!

इतना तो न बहक पप्पू ,  बहरे ख़फ़ीफ़ की बहर बनकर, ४ जून कहीं बरपा न दें तुझपे,  नादानियां तेरी, कहर  बनकर।