...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
उपजीवी !
मिली तीन-तीन गुलामियां तुमको प्रतिफल मे, और कितना भला, भले मानुष ! तलवे चाटोगे। नाचना न आता हो, न अजिरा पे उंगली उठाओ, अरे खुदगर्जों, जैसा ब...
-
नोट: फिलहाल टिप्पणी सुविधा मौजूद है! मुझे किसी धर्म विशेष पर उंगली उठाने का शौक तो नहीं था, मगर क्या करे, इन्होने उकसा दिया और मजबूर कर द...
-
पहाड़ी प्रदेश , प्राइमरी स्कूल था दिगोली, चौंरा। गांव से करीब दो किलोमीटर दूर। अपने गांव से पहाड़ी पगडंडी पर पैदल चलते हुए जब तीसरी कक्षा क...
-
स्कूटर और उनकी पत्नी स्कूटी शहर के उत्तरी हिस्से में सरकारी आवास संस्था द्वारा निम्न आय वर्ग के लोगो के लिए ख़ासतौर पर निर्म...
बाकियों को अंजाम भी समझ में आ जाएगा, हम तो पहले से ही समझे बैठे हैं.
ReplyDelete**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**
ReplyDelete~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~
*****************************************************************
♥ होली ऐसी खेलिए, प्रेम पाए विस्तार ! ♥
♥ मरुथल मन में बह उठे… मृदु शीतल जल-धार !! ♥
आपको सपरिवार
होली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
*****************************************************************
~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~
**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**
भारत देश का ये दुर्भाग्य है की यहाँ की राजनीतिक पार्टियाँ सिर्फ अपने बारे में सोचती हैं। देश के बारे में सोचना उन्हें गुनाह लगता है। सपा और बसपा जैसे दल के नेताओं के पास इतनी बुद्धि ही नहीं है की वे राष्ट्र हित में सोच भी सकें। इनको तो ये भी नहीं पाता की जश्न कभी बन्दूक की गोलियों से नहीं मानना चाहिए। उस मासूम का गुनाह क्या था जिसकी मौत हो गयी। पत्रकारों की पिटाई क्यों की गयी। इतनी जल्दी यादव जी की पार्टी अपनी गुंडागर्दी दिखाएगी , ये मालूम न था। उत्तर प्रदेश की जनता ने कांग्रेस का बहिष्कार करके एक और अच्छा तो किया लेकिन गवारों के इस दल को जिताकर भारी भूल की है।
ReplyDeleteबीजेपी चाहती तो आसानी से इस समस्या का हल निकल सकता था। उन्हें अपने प्रधानमंत्री(मोदी) और उत्तर प्रदेश की मुख्य मंत्री (सुश्री उमा भारती) का नाम स्पष्ट रूप से घोषित करना चाहिए था। गोल-मोल रखने से , ईर्ष्या द्वेष , आपसी फूट और षड्यंत्र की बू आती है। जब तक एक जुट नहीं होंगे तब तक गुंडा राज झेलना ही पड़ेगा। देश का धन निठाल्ले उड़ायेंगे और बाकि अपने स्विस खातों में जमा करते रहेंगे।
:)
ReplyDeleteहोली की शुभकामनायें ...
सबको शुभकामनायें
ReplyDeleteसटीक ... बस और कुछ नहीं ...
ReplyDeleteआपको और परिवार में सभी को होली की मंगल कामनाएं ...
सटीक और सामयिक .
ReplyDeleteहोली मुबारक सभी ब्लोगर भाइयों और बांध्वियों को .
होली का पर्व मुबारक हो !
ReplyDeleteशुभकामनाएँ!
होली की अनेकानेक शुभकामनाएं.
ReplyDeleteऔर कुछ नहीं --बस होली की हार्दिक शुभकामनायें गोदियाल जी ।
ReplyDeleteआपको सपरिवार होली की शुभकामनायें !
ReplyDelete:) होली की मंगलकामनाएं ..
ReplyDelete:) होली की मंगलकामनाएं ..
ReplyDeleteशपथ का टैम किके पास है...
ReplyDeleteBina shapath ke hi chal raha tha???
ReplyDeleteसमसामयिक करारा कटाक्ष।
ReplyDeleteSarthak prastuti..
ReplyDeleteaapko spariwar Holi ki hardik shubhkamnayen!