...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
Wednesday, April 8, 2020
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झूम-झूम !
हमेशा झूमते रहो सुबह से शाम तक, बोतल के नीचे के आखिरी जाम तक, खाली हो जाए तो भी जीभ टक-टका, तब तलक जीभाएं, हलक आराम तक। झूमती जिंदगी, तुम क्...
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नोट: फिलहाल टिप्पणी सुविधा मौजूद है! मुझे किसी धर्म विशेष पर उंगली उठाने का शौक तो नहीं था, मगर क्या करे, इन्होने उकसा दिया और मजबूर कर द...
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स्कूटर और उनकी पत्नी स्कूटी शहर के उत्तरी हिस्से में सरकारी आवास संस्था द्वारा निम्न आय वर्ग के लोगो के लिए ख़ासतौर पर निर्म...
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देशवासियों तुम हमें सत्ता देंगे तो हम तुम्हें गुजारा भत्ता देंगे। सारे भूखे-नंगों की जमात को, बिजली-पानी, कपड़ा-लत्ता देंगे। ...

वाह उम्दा रचना.
ReplyDeleteनयी रचना- एक भी दुकां नहीं थोड़े से कर्जे के लिए
सुंदर अभिव्यक्ति...
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ReplyDeleteजी नमस्ते,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा शनिवार(११-०४-२०२०) को 'दायित्व' (चर्चा अंक-३६६८) पर भी होगी
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का
महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
**
अनीता सैनी
समसमायिक विचारशील सृजन।
ReplyDeleteसुंदर अभिव्यक्ति।
मुश्किल दिनों में हिम्मत रूपी हथियार कारगर होता है
ReplyDeleteबहुत अच्छी प्रस्तति
आभार आप सभी का।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
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