Monday, September 27, 2010

अद्भुत खेल !

इधर जोर-शोर से
तैयारियां चल रही थी 
फाइनल टचिंग की,

सरकारी स्तर पर
और उधर, 
खेल गाँव में
सांप जी लेटे हुए थे,
एक अफ्रीकी ऐथेलीट के बिस्तर पर।

अफ्रीकी ऐथेलीट
उसे देखकर बोला,
ये तो भैया मेरे साथ
सरासर रंग-भेद है,
मुझे भी लगता है
कि अबके इस
कॉमन वेल्थ के खेल में कोई बड़ा छेद है।

तभी रूम अटेंडेंट 

दौड़ा-दौड़ा 
उसके पास जाकर बोला,
नहीं भैया जी,  अबके अद्भुत
ये खेल निराले है,
पांच साल में 

सत्तर हजार करोड़ खर्च कर ,
हमने सांप और संपेरे ही तो पाले है। 

26 comments:

  1. ‘पांच साल में ७०००० करोड़ रूपये खर्च करके,
    हमने सांप और संपेरे ही तो पाले है’

    सच कहा भैया आपने :)

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  2. :):) बहुत सटीक व्यंग ...आस्तीन में भी पाले हैं :)

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  3. बहुत सटीक व्यंग

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  4. बेचारे साँपों को दोष मत दो ....... सटीक व्यंग

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  5. बेचारे साँपों को दोष मत दो ....... सटीक व्यंग

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  6. सर वैसे ही इस देश को सांप सपेरों नाग नागिनों का देश कहा जाता है .. मानलो कोबरा खेल गाँव में पहुँच गया तो उसने क्या बुरा किया ...हा हा हा सामयिक सटीक रचना ...

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  7. एक अंधड़ कॉमनवेल्‍थ गेम्‍स में भी चल रहा है। किसी के रोके न रूक सकेगा। यह भी उसी की एक झांकी है। आपने बिल्‍कुल सही आंकी है।

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  8. गोदियाल जी..
    .........बहुत सटीक व्यंग

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  9. बहुत से लोगों के भरोसे को आपने ठेस पहुँचाई है!! ज़रा सम्भल के!!! वर्ना लोग तो माने बैठे हैं कि इससे हमारा मान बढ़ा है और हमारे शहर को एक विश्व स्तर का शहर कहलाने का मौक़ा.. ख़ैर सी.आई. डी. की फ़ाइनल रिपोर्ट हमारे ब्लॉग पर ज़रूर देख आएँ!!

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  10. हरामी का पट्ठा साला -बस अब उसी को बदनाम करना बच गया था भारत को -अबे ******* फिर कहाँ गया वो सांप ..**** वे तुम्हारी **** में घुस गया ?
    सारी गोदियाल साहब उस अफ्रीकी से इस तराह बात करने के लिए -साला सिबलिंग राईवलरी का मारा लग रहा है !

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  11. बहुत सटीक व्यंग

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  12. हमने सांप और संपेरे ही तो पाले है !!

    वाह वाह...लाजवाब..अदभुत हैं आपके ये सटीक बाऊंसर. मारते रहिये.

    रामराम.

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  13. अरे वा इस तैयारी पर भी व्यंग्य ।

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  14. हमने सांप और संपेरे ही तो पाले है
    ---------------------------

    बहुत सटीक व्यंग

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  15. "पांच साल में ७०००० करोड़ रूपये खर्च करके,
    हमने सांप और संपेरे ही तो पाले है !!"

    सिक्सर, गोदियाल जी।

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  16. एकदम सटीक निशाना बैठाया महाराज!

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  17. यथार्थ और काव्य का सुंदर मिश्रण।

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  18. सच कहा गौदियाल जी .....कल रात ही दिल्ली से लौटा हूँ पर अभी भी इतना कुछ करने को बाकी है क्या कहूँ ... एरपोर्ट के बाहर अभी भी मिट्टी खुदी पड़ी है ... नये पेड़ लग रहे हैं .. पेड़ तो कनाट प्लेस में भी जैसे २-३ दिन पहले ही लगे हैं ... बदरपुर पुल तो १५ अगस्त को खुलना था अभी तक बंद है, रास्ते जाम हैं, मिट्टी के उँचे उँचे ढेर लगे हैं ... (इसी रास्ते से ज़्यादातर सैलानी ताज महल जाएँगे) ....

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  19. पांच साल में ७००००
    करोड़ रूपये खर्च कर ,
    हमने सांप और
    संपेरे ही तो पाले है !!

    गज़ब्……………बेहतरीन व्यंग्य्……………करारी चोट्।

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  20. itna kharch karke saap aur sapere hee paale hai, sahi kaha aapne
    ha ha ha ha ha ha

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  21. पांच साल में ७००००
    करोड़ रूपये खर्च कर ,
    हमने सांप और
    संपेरे ही तो पाले है !!

    Bitter truth !

    You beautifully defined the current state of our country.

    .

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प्रश्न -चिन्ह ?

  पता नहीं , कब-कहां गुम हो  गया  जिंदगी का फ़लसफ़ा, न तो हम बावफ़ा ही बन पाए  और ना ही बेवफ़ा।