Wednesday, August 21, 2013

कार्टून कुछ बोलता है- देख तेरे संसार की हालत.........!!






18 comments:

  1. प्याज लूटने का प्लान बनाया है क्या इस ब्रेक में-

    सादर-

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  2. बढ़िया कार्टून ..... वैसे सच ही ब्लोगिंग में भी मंदी छाई हुई है ।

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  3. पूरा कालाधन प्याज में लगा दिया क्या ?
    latest post नेताजी फ़िक्र ना करो!
    latest post नेता उवाच !!!

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  4. दोनों ही सटीक.

    रामराम.

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  5. गोदियाल जी, मंदी के माहोल में दुकान बंद कर रहे हैं ये तो कोई अच्छी बात नही है. आज मंदी है कल तेजी भी आयेगी.

    हां यदि कुछ निजी कार्य और कारण हैं तो आप ब्रेक ले सकते हैं, आपसे अनुरोध है कि इस तरह दुकान बंद ना करें और भले ही महिने में ही सही, एक पोस्ट ठेलते रहें.

    आशा है अनुरोध स्वीकार्य होगा वर्ना हमें जबरदस्ती आपके घर के बाहर मोर्चा प्रदर्शन का रास्ता अपनाना पडेगा.

    रामराम

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    1. जी, ताऊ जी जरूर !
      जिस दिन मूड करेगा खोल लेंगे !
      शुक्रिया आपका !

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  6. हा हा .. लगता है प्याज ले डूबेगा इन्हें ...ओर मोदी का खौफ़ जीने नहीं देगा इन्हें ...

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  7. हा हा हा...
    भारत में मोदी जी के बाद कोई चर्चित है तो वह है प्याज !
    बाकी सारे तो नाकारा सबित हो रहे हैं
    :)

    आदरणीय पी.सी.गोदियाल "परचेत" जी
    अजी सारी जगह मंदी है , दूकान खुली रखें , बाज़ार में वापस तेजी की बड़ी संभावना है...


    हार्दिक मंगलकामनाओं सहित...

    ♥ रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं ! ♥
    -राजेन्द्र स्वर्णकार

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    1. राजेन्द्र जी,
      इस आत्मीयता के लिए सर्वप्रथम आपका आभार व्यक्त करना चाहूँगा! और साथ ही आपको भी रक्षा बंधन की मंगलमय कामनाये ! सर जी जिस दिन लगेगा कि आज बिक्री के चांसेज है उस दिन खोल लेंगे, घर की खेती है ! :)

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  8. टिप्पणी देने वालों के लिये एक किलो प्याज देने की घोषणा कर दीजिये. ही ही ..हा हा..

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  9. और हां बन्द मत करिये नियमित लेखन.

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  10. हर जगह मँहगाई है, कष्ट सबको हो रहा है, पर छोड़ कर कहाँ जाइयेगा।

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  11. विचारणीय कार्टून। मुझे भरोसा है कि आप यह सब कुछ नहीं छोड़ पाएंगे। जब तक सोच-विचार रहेगा लिखना नहीं छूटेगा।

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  12. सुन्दर कार्टून गोदियाल जी, मंदी के माहौल में लिखना बंद कर रहे हैं ये तो कोई अच्छी बात नही है ? आज मंदी है कल तेजी भी आयेगी। मुझे भरोसा है कि आप यह सब कुछ नहीं छोड़ पाएंगे। जब तक सोच-विचार रहेगा लिखना भी नहीं छूटेगा। इसी आशा के साथ मैं मनोज जैसवाल आपसे निवेदन करता हूँ, कि आप अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करे।

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  13. महाराज क्या बात कर रहे हैं आप.....दुकान पर सामान कम हो तो हो..पर शटर डाउन न करें...लंच ब्रेक ले लें..कहीं घूमघाम कर लीजिए..हमरी बात माने न माने पर कम से कम ताउ के आदेश की अवेहलना तो न करें।

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प्रश्न -चिन्ह ?

  पता नहीं , कब-कहां गुम हो  गया  जिंदगी का फ़लसफ़ा, न तो हम बावफ़ा ही बन पाए  और ना ही बेवफ़ा।