...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
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वक्त की परछाइयां !
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नोट: फिलहाल टिप्पणी सुविधा मौजूद है! मुझे किसी धर्म विशेष पर उंगली उठाने का शौक तो नहीं था, मगर क्या करे, इन्होने उकसा दिया और मजबूर कर द...
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You have chosen sacred silence, no one will miss you, no one will hear your cries. No one will come to put roses on your grave wit...
सुन्दर !!
ReplyDeleteहाहाहााह
ReplyDeleteबढिया
प्याज लूटने का प्लान बनाया है क्या इस ब्रेक में-
ReplyDeleteसादर-
बढ़िया कार्टून ..... वैसे सच ही ब्लोगिंग में भी मंदी छाई हुई है ।
ReplyDeleteपूरा कालाधन प्याज में लगा दिया क्या ?
latest post नेताजी फ़िक्र ना करो!
latest post नेता उवाच !!!
दोनों ही सटीक.
ReplyDeleteरामराम.
गोदियाल जी, मंदी के माहोल में दुकान बंद कर रहे हैं ये तो कोई अच्छी बात नही है. आज मंदी है कल तेजी भी आयेगी.
ReplyDeleteहां यदि कुछ निजी कार्य और कारण हैं तो आप ब्रेक ले सकते हैं, आपसे अनुरोध है कि इस तरह दुकान बंद ना करें और भले ही महिने में ही सही, एक पोस्ट ठेलते रहें.
आशा है अनुरोध स्वीकार्य होगा वर्ना हमें जबरदस्ती आपके घर के बाहर मोर्चा प्रदर्शन का रास्ता अपनाना पडेगा.
रामराम
जी, ताऊ जी जरूर !
Deleteजिस दिन मूड करेगा खोल लेंगे !
शुक्रिया आपका !
हा हा .. लगता है प्याज ले डूबेगा इन्हें ...ओर मोदी का खौफ़ जीने नहीं देगा इन्हें ...
ReplyDeleteहा हा हा...
भारत में मोदी जी के बाद कोई चर्चित है तो वह है प्याज !
बाकी सारे तो नाकारा सबित हो रहे हैं
:)
आदरणीय पी.सी.गोदियाल "परचेत" जी
अजी सारी जगह मंदी है , दूकान खुली रखें , बाज़ार में वापस तेजी की बड़ी संभावना है...
❣हार्दिक मंगलकामनाओं सहित...❣
♥ रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं ! ♥
-राजेन्द्र स्वर्णकार
राजेन्द्र जी,
Deleteइस आत्मीयता के लिए सर्वप्रथम आपका आभार व्यक्त करना चाहूँगा! और साथ ही आपको भी रक्षा बंधन की मंगलमय कामनाये ! सर जी जिस दिन लगेगा कि आज बिक्री के चांसेज है उस दिन खोल लेंगे, घर की खेती है ! :)
टिप्पणी देने वालों के लिये एक किलो प्याज देने की घोषणा कर दीजिये. ही ही ..हा हा..
ReplyDeleteऔर हां बन्द मत करिये नियमित लेखन.
ReplyDeleteआना.
ReplyDeleteहर जगह मँहगाई है, कष्ट सबको हो रहा है, पर छोड़ कर कहाँ जाइयेगा।
ReplyDeleteविचारणीय कार्टून। मुझे भरोसा है कि आप यह सब कुछ नहीं छोड़ पाएंगे। जब तक सोच-विचार रहेगा लिखना नहीं छूटेगा।
ReplyDeleteसुन्दर कार्टून गोदियाल जी, मंदी के माहौल में लिखना बंद कर रहे हैं ये तो कोई अच्छी बात नही है ? आज मंदी है कल तेजी भी आयेगी। मुझे भरोसा है कि आप यह सब कुछ नहीं छोड़ पाएंगे। जब तक सोच-विचार रहेगा लिखना भी नहीं छूटेगा। इसी आशा के साथ मैं मनोज जैसवाल आपसे निवेदन करता हूँ, कि आप अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करे।
ReplyDeleteमहाराज क्या बात कर रहे हैं आप.....दुकान पर सामान कम हो तो हो..पर शटर डाउन न करें...लंच ब्रेक ले लें..कहीं घूमघाम कर लीजिए..हमरी बात माने न माने पर कम से कम ताउ के आदेश की अवेहलना तो न करें।
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