जन्मस्थली मुक्त हो गई, दैत्य कारावास से,
श्रीराम लौटेंगे अवध, आज फिर वनवास से।दीपों से जगमगा उठे हैं, निर्मल सरयू के तट,
सजने लगे फिर दोबारा,अयोध्या के सूने पट।
गूंज रहा देश कौशल,'श्रीराम' के जयघोष से,
मुक्त होगी शीघ्र दुनिया,व्याधि,संताप दोष से।
हासिल करेंगे रामराज, दुष्टजनों के नाश से,
श्रीराम लौटेंगे अवध, आज फिर वनवास से।
बहुत सुन्दर।
ReplyDeleteराम मन्दिर के शिलान्यास की बधाई हो।
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 6.8.2020 को चर्चा मंच पर दिया जाएगा। आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी।
ReplyDeletehttps://charchamanch.blogspot.com
धन्यवाद
दिलबागसिंह विर्क
बहुत सुंदर
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