धर्म-ईमान,
मालूम है, यहां सबकुछ,
टके-सेर बिकता है,
और जो खरीददार,
वो वैंसा है नहीं,
जैंसा दिखता है।
...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
पहाड़ी प्रदेश , प्राइमरी स्कूल था दिगोली, चौंरा। गांव से करीब दो किलोमीटर दूर। अपने गांव से पहाड़ी पगडंडी पर पैदल चलते हुए जब तीसरी कक्षा क...
सटीक
ReplyDeleteबहुत सुन्दर।
ReplyDeleteराम मन्दिर के शिलान्यास की बधाई हो।