Saturday, August 29, 2020

एक लघु मगर जरूरी पोस्ट- अभी सोने का नहीं, लुडक जाओगे।

ज्यादा पुरानी बात नहीं है, आपको याद होगा शेयर बाजार जब इक्तालिस हजारी थे तो 55 हजारी की बात की जा रही थी और कर कौन रहे थे ? बाजारू गिद्ध। फिर क्या हुआ ? 41 हजारी 30 से भी कहीं नीचे आ लुडका। अब भला , दोष कोरोना का ही क्यों न रहा हो।

बस, इस संक्षिप्त पोस्ट के मार्फत आपको यही चेताना है कि वही स्थिति आज  बुलियन मार्केट की है। दलाली गिद्धों ने तात्कालिक फायदे के लिए इसे चढाया हुआ है, बहुत आवश्यकता के अलावा इसमे न उल्झें।

नीचे दो चित्र चस्पा किए हैं उनसे स्थिति को समझने की कोशिश करें।




2 comments:

  1. सारी मक्खियां मकड़ी के जाले में खुद जा जा कर जब इतराने लगी हैं तो बेकार है उनसे कहना बचो बचो :)

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वक्त की परछाइयां !

उस हवेली में भी कभी, वाशिंदों की दमक हुआ करती थी, हर शय मुसाफ़िर वहां,हर चीज की चमक हुआ करती थी, अतिथि,आगंतुक,अभ्यागत, हर जमवाडे का क्या कहन...