...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
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झूम-झूम !
हमेशा झूमते रहो सुबह से शाम तक, बोतल के नीचे के आखिरी जाम तक, खाली हो जाए तो भी जीभ टक-टका, तब तलक जीभाएं, हलक आराम तक। झूमती जिंदगी, तुम क्...
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नोट: फिलहाल टिप्पणी सुविधा मौजूद है! मुझे किसी धर्म विशेष पर उंगली उठाने का शौक तो नहीं था, मगर क्या करे, इन्होने उकसा दिया और मजबूर कर द...
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देशवासियों तुम हमें सत्ता देंगे तो हम तुम्हें गुजारा भत्ता देंगे। सारे भूखे-नंगों की जमात को, बिजली-पानी, कपड़ा-लत्ता देंगे। ...

nice
ReplyDeleteताऊ बिल्कुल सही कह रहा है.:)
ReplyDeleteरामराम.
बहुत बढ़िया सर जी :)
ReplyDeleteझूठ तो नहीं है !जय हो
ReplyDeleteअरे कलमाडी जी रुपये तो कोई भी नही खा सकता,लेकिन घाटोले से डकार तो सकता हे ना
ReplyDeleteबहुत ही उम्दा रचना , बधाई स्वीकार करें .
ReplyDeleteआइये हमारे साथ उत्तरप्रदेश ब्लॉगर्स असोसिएसन पर और अपनी आवाज़ को बुलंद करें .कृपया फालोवर बनकर उत्साह वर्धन कीजिये
मंहगाई और भ्रष्टाचार कोई कबूलने वाली बातें नहीं हैं.कलमाडी जी गलत कहाँ हैं?
ReplyDeleteसफल कार्टूनिस्ट बनने पर बधाई!
ReplyDeleteअसरदार है
ReplyDeleteअब तो हिम्मत और बढ़ गई है ... चोरी और सीनाजोरी की... जेपीसी कराने की मांग है जी :)
ReplyDeleteये तो कलमाडी सही बोल रहा है ।
ReplyDeleteये तो सही बात है..
ReplyDeleteसही कहा.. उसने कहाँ रुपया खाया है....
ReplyDeleteआदरणीय गोदियाल जी.
ReplyDeleteनमस्कार
पहले तो सफल कार्टूनिस्ट बनने पर बधाई!
बहुत ही उम्दा रचना
ReplyDeleteबेचारा सही तो कह रहा है...
ReplyDeleteबहुत बढ़िया ...
ReplyDeleteसही बात है, रुपया कहाँ खाया?
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