...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
उत्तराखंड सरकार जी ! थोड़ा स्थानीय लोगों की भी सुन लो ।
चारधाम कपाट खुलते ही उत्तराखण्ड मे एक तरफ जहां श्रद्धालुओं का अपार हुजूम उमड पडा है,वहीं दूसरी तरफ उस का नतीजा यह है कि चारों धामों और आसपास...

-
' दीपोत्सव" मुल्क़ मे हाकिमों के हुक्मों की गहमा़गहमी़ है। 'दीया' खामोश है और रोशनी सहमी़-सहमी़ है। डर है, दम घुटकर न मर जाए...
-
जहां, छप्पन इंच के सीने वाला भी यू-टर्न ले लेता है, वहां, 'मार्क माय वर्ड्स' कहने वाला पप्पू, भविष्यवेता है।
-
नहीं मालूम कि महाकवि स्वर्गीय द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी जी, जिनकी आगामी १ दिसंबर को पुण्य-तिथि है, ने किन परिस्थितियों के मध्य नजर अपनी बाल-...
nice
ReplyDeleteताऊ बिल्कुल सही कह रहा है.:)
ReplyDeleteरामराम.
बहुत बढ़िया सर जी :)
ReplyDeleteझूठ तो नहीं है !जय हो
ReplyDeleteअरे कलमाडी जी रुपये तो कोई भी नही खा सकता,लेकिन घाटोले से डकार तो सकता हे ना
ReplyDeleteबहुत ही उम्दा रचना , बधाई स्वीकार करें .
ReplyDeleteआइये हमारे साथ उत्तरप्रदेश ब्लॉगर्स असोसिएसन पर और अपनी आवाज़ को बुलंद करें .कृपया फालोवर बनकर उत्साह वर्धन कीजिये
मंहगाई और भ्रष्टाचार कोई कबूलने वाली बातें नहीं हैं.कलमाडी जी गलत कहाँ हैं?
ReplyDeleteसफल कार्टूनिस्ट बनने पर बधाई!
ReplyDeleteअसरदार है
ReplyDeleteअब तो हिम्मत और बढ़ गई है ... चोरी और सीनाजोरी की... जेपीसी कराने की मांग है जी :)
ReplyDeleteये तो कलमाडी सही बोल रहा है ।
ReplyDeleteये तो सही बात है..
ReplyDeleteसही कहा.. उसने कहाँ रुपया खाया है....
ReplyDeleteआदरणीय गोदियाल जी.
ReplyDeleteनमस्कार
पहले तो सफल कार्टूनिस्ट बनने पर बधाई!
बहुत ही उम्दा रचना
ReplyDeleteबेचारा सही तो कह रहा है...
ReplyDeleteबहुत बढ़िया ...
ReplyDeleteसही बात है, रुपया कहाँ खाया?
ReplyDelete