आज हरिद्वार कुम्भ के बाबत एक लम्बी-चौड़ी पोस्ट लिखी थी, लेकिन वह Google Transliteration की भेंट चढ़ गई ! अब दोबारा लिखने का मूड नहीं ! बस पाठको से संक्षेप में इतना ही कहूंगा कि १३ जनवरी से शुरू हो रहे कुम्भ में जाने का प्लान अगर आप बना रहे है तो कृपया;
१. रेल से यात्रा को प्राथमिकता दे !
२.सड़क मार्ग का उपयोग करना जरूरी हो तो सार्वजनिक वाहनों का उपयोग करे !
३. रात के समय सड़क मार्ग से यात्रा से परहेज करे !
४. यदि अपना वाहन ले जाना मजबूरी हो तो सिर्फ दिन में ही चले !
५. बच्चे साथ में हो तो खाने -पीने का प्रयाप्त इंतजाम अपने पास रखे !
६.अधिक सामान न ले जाये, क्योंकि वाहनों को हरिद्वार के बाहर ही रोका जा सकता है , लेकिन ऊनी वस्त्र अवश्य साथ रखे !
७. सफ़र में देर हो जाए तो हरिद्वार से पहले जो भी शहर या कस्बे पड़ते है, रात वहाँ गुजारे, क्योंकि हरिद्वार में होटलों की किल्लत रहेगी !
मेरठ बाईपास से मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहे तक सड़क चौडीकरण का काम पिछले सात सालो से केंद्र सरकार, उत्तरप्रदेश सरकार और एनएचएआई की मेहरबानी से निर्माणाधीन है,(ज्यों की त्यों ) और सड़क बहुत खतरनाक है ! कहाँ घंटो जाम में फंसा रहना पड़ जाये, नहीं मालूम ! सडको पर घना कुहरा, जहां-तहां गन्ने से लदे ट्रैक्टर और बग्गियाँ, ट्रको की भारी आवाजाही, सडको पर वाहनों की संख्या में भारी वृद्धि, ऊँची-नीची सड़क, लोगो में सेन्स की कमी इत्यादि समस्याओ से जूझना पड़ सकता है , अत: वाहन गति सीमा ७०-७५ से ऊपर न बढाए ! मैं अभी पिछले हफ्ते उस मार्ग( दिल्ली-हरिद्वार) से गुजरा हूँ, इसलिए आपको अपने अनुभवों से परिचित करवा रहा हूँ !
१. रेल से यात्रा को प्राथमिकता दे !
२.सड़क मार्ग का उपयोग करना जरूरी हो तो सार्वजनिक वाहनों का उपयोग करे !
३. रात के समय सड़क मार्ग से यात्रा से परहेज करे !
४. यदि अपना वाहन ले जाना मजबूरी हो तो सिर्फ दिन में ही चले !
५. बच्चे साथ में हो तो खाने -पीने का प्रयाप्त इंतजाम अपने पास रखे !
६.अधिक सामान न ले जाये, क्योंकि वाहनों को हरिद्वार के बाहर ही रोका जा सकता है , लेकिन ऊनी वस्त्र अवश्य साथ रखे !
७. सफ़र में देर हो जाए तो हरिद्वार से पहले जो भी शहर या कस्बे पड़ते है, रात वहाँ गुजारे, क्योंकि हरिद्वार में होटलों की किल्लत रहेगी !
मेरठ बाईपास से मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहे तक सड़क चौडीकरण का काम पिछले सात सालो से केंद्र सरकार, उत्तरप्रदेश सरकार और एनएचएआई की मेहरबानी से निर्माणाधीन है,(ज्यों की त्यों ) और सड़क बहुत खतरनाक है ! कहाँ घंटो जाम में फंसा रहना पड़ जाये, नहीं मालूम ! सडको पर घना कुहरा, जहां-तहां गन्ने से लदे ट्रैक्टर और बग्गियाँ, ट्रको की भारी आवाजाही, सडको पर वाहनों की संख्या में भारी वृद्धि, ऊँची-नीची सड़क, लोगो में सेन्स की कमी इत्यादि समस्याओ से जूझना पड़ सकता है , अत: वाहन गति सीमा ७०-७५ से ऊपर न बढाए ! मैं अभी पिछले हफ्ते उस मार्ग( दिल्ली-हरिद्वार) से गुजरा हूँ, इसलिए आपको अपने अनुभवों से परिचित करवा रहा हूँ !
आपकी यात्रा मंगलमय हो, यही मेरी शुभकामनाये है !
बहुत बढ़िया व उपयोगी जानकारी दी है।आभार।
ReplyDeleteआपने उपयोगी जानकारी दी है। लेकिन हमको तो जाना है। इसलिए लोटा-थाली, कम्बल,खेस बांध रहे है। फ़िर आप जाने,कहीं से भी ले जाएं।
ReplyDeleteपाप जो धोने हैं।:)
हम तो खैर कुम्भ मेले में नहीं जा रहे हैं किन्तु जो लोग जाने वाले हैं उनके लिये आपने बहुत काम की जानकारी दी है!
ReplyDeleteबहुत बढ़िया अग्रिम जानकारी दी है आपने आभार
ReplyDeleteगोदियाल जी आप ने लिखा नही यह मेला कितने दिन चलेगा, कृप्या यह जान्कारी जरुर देवे. धन्यवाद इस सुंदर जानकारी के लिये
ReplyDeleteभाटिया साहब यही सब जानकारियाँ मैंने अपने उस लेख में उपलब्ध कराई थी, मगर अफ़सोस कि मैं उसे save न कर सका! आजकल इस translitretion पर एक बीमारी यह लग गई है कि बीच में जब वह विंडो आ जाता है send और don't send वाला तो सारा लिखाधरा बेकार हो जाता है ! हरिद्वार कुम्भ मेले के स्नान की dates इस प्रकार है ;
ReplyDelete14 January 10'
15 January 10'
20 January 10'
30 January 10'
12 February 10'
13 February 10'
15 March 10'
24 March 10'
30 March 10'
14 April 10'
28 April 10'
nice
ReplyDeleteजो भी मेले में जाए, अपने बच्चों को सम्भाल कर रखे, उनके खोने का डर है, ये बच्चे फिर जवान हो कर ही मिलते है. :)
ReplyDeleteआपने अच्छी जानकारी दी.
बहुत बढ़िया व उपयोगी जानकारी दी है।आभार।
ReplyDelete"…लोगो में सेन्स की कमी इत्यादि समस्याओ…" सिर्फ़ एक यही समस्या दूर हो जाये तो कोई समस्या ही न रहे… :) गोदियाल जी।
ReplyDeleteअच्छी जानकारी है।
ReplyDeleteये तो बढिया जानकारी दी आपने.
ReplyDeleteरामराम.
धन्यवाद इस जानकारी के लिए...लेकिन हमारे तो जाने का कोई कार्यक्रम नहीं। क्यों कि गंगा हमारे घर में ही है...वो कहते हैं न कि "मन चंगा तो कठौती में गंगा" :)
ReplyDeleteअच्छी जानकारी उपलब्ध कराई है .........
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