Monday, January 4, 2010

ब्लॉग,ब्लॉगर, ब्लॉगरी.... ?????

अंग्रेजो की हम हिन्दुस्तानियों पर यही तो थी सबसे बड़ी और अमिट छाप, जिसे हम अपने ऊपर से विम्बार और निरमा से रगड़-रगड़ कर धोने के बावजूद भी नहीं मिटा सके ! जब-तब इन्ही की शब्दावली के जाल में हम इसकदर उलझ जाते है कि 'ब्लॉगर' शब्द स्त्रीलिंग है अथवा पुल्लिंग, इसी बात पर एक दूसरे को धो डालने की धमकी तक दे देते है!

खैर, अफ़सोस इन मेरे जैसे नौसेखिये साहित्यकारों पर नहीं होता, अफ़सोस होता है उन अपने अनुभवी साहित्यकारों पर, उनके द्वारा बनायी गई 'अंतरजाल- मुकामों' पर, जिन्हें वे ब्लॉग के हिन्दी अर्थो में एक सही नाम भी नहीं दे पाए !

मै समझता हूँ कि ब्लॉग का सही हिन्दी रूपांतरण है "अन्तर्द्वन्द्व" ! ब्लॉग पर कोई भी लेखक अथवा रचनाकार जो अपने मन-मस्तिष्क के उदगारों अथवा उचावो को बिना किसी रोकटोक के अभिव्यक्त करता है! वह उसका "अन्तर्द्वन्द्व" (ब्लॉग) है ! इस अंतर्द्वंद्व को बाहर निकाल, अपनी लेखनी से जो उसे लेखबद्ध करता है उसे "अन्तर्द्वन्द्वकार" और जो कुछ लेखबद्ध हुआ उसे "अंतर्द्वन्द्विता " कहा जाना ही उचित होगा ! तो आइये, मैं आप सभी अंतर्द्वन्द्कार मित्रो का आह्वान करता हूँ कि इस नववर्ष में आज से ही ब्लॉग,ब्लॉगर, ब्लॉगरी के स्थान पर अन्तर्द्वन्द्व. अन्तर्द्वन्द्वकार, अंतर्द्वन्द्विता शब्दों का इस्तेमाल करना शुरू करे !

अपने सुधि पाठको और मित्रों से दो बाते और कहना चाहता हूँ, एक तो यह कि कुछ दिनों से मानसिक तौर पर अस्वस्थ चल रहा हूँ, अत: जाने अनजाने कहीं कुछ गलत कह दिया हो तो क्षमा प्रार्थी हूँ ! और दूसरे यह कि नियमित लेखन को कुछ हद तक फिलहाल सीमित कर रहा हूँ, कभी फिर वसंत लौटा तो नियमित लिखना फिर से शुरू करूंगा ! साथ ही हाँ, चूँकि हमारे ब्लोग्बाणी और चिठ्ठाजगत पर पाठको की सर्वथा कमी रहती है, इसलिए मैं लेखन की क्रिया को कम करके आपके "अंतर्द्वंदों" का एक नियमित पाठक बनने की कोशिश कर रहा हूँ !
साभार,
गोदियाल

33 comments:

  1. आदरणीय गोदियाल जी , नमस्कार....

    मैं भी आजकल मानसिक रूप से अस्वस्थ चल रहा हूँ..... यह शायद इसलिए हो रहा है क्यूंकि मानसिक खुराक का अभाव होता जा रहा है.... इसलिए आजकल मैं खूब पढ़ रहा हूँ.... ताकि दिमाग को मानसिक खुराक मिलती रहे... मुझे ऐसा लगा कि मैं व्यर्थ ही 'ब्लॉगर' शब्द स्त्रीलिंग है अथवा पुल्लिंग, इस पर उलझा रहा ... मेरा यह लेवल नहीं है.... और यही दंश मुझे साल रहा है अन्दर ही अन्दर.... हाँ! यह है कि दोस्तों के लिए खडा होना ज़रूरी है.... शायद इसीलिए ....उलझा रहा.... पर सच बता रहा हूँ.... मैं अन्दर ही अन्दर बहुत परेशां हूँ... इसलिए लेखन सिमित हो गया है.... और यही सबसे खराब चीज़ है.... क्यूंकि इससे कई लोगों के उद्देश्य सफल होते हैं.... आपसे भी गुज़ारिश है कि लेखन न छोड़ें... नियमित लिखते रहें... आपको पढना अच्छा लगता है... आपके लेखन से नए विचारों का संचार होता है.... मैं आपके अंतर्द्वंद को समझता हूँ....मैं भी ऐसे ही दौर से गुज़र रहा हूँ.... बेहतर है कि बेहतर लिखें... व्यर्थ कि बातों और टिप्पणियों में न उलझें... यही सार्थक लेखन है.... मुझे आपके लेखन का हमेशा इंतज़ार रहता है....

    सादर,
    आपका
    महफूज़...

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  2. गोदियाल साहिब , ब्लॉग कहें या अंतर्द्वंद्व ,कब तक अच्छा पढ़ने व देह्कने को मिलता रहे , कोई फर्क नहीं पढ़ता ! हम दोनों ही से आनंदित होंगे !

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  3. गोदियाल साहिब , ब्लॉग कहें या अंतर्द्वंद्व ,कब तक अच्छा पढ़ने व देह्कने को मिलता रहे , कोई फर्क नहीं पढ़ता ! हम दोनों ही से आनंदित होंगे !

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  4. गोदियाल साहब जान गया मैं की आपने अंतर्द्वन्दी शब्द क्यों छोड़ा ? स्त्रीलिंग हैं न ? हा हा

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  5. वैसे अंग्रेजी में तो ब्लॉग एक तटस्थ शब्द है, हिंदी व्याकरण के नियमों के अनुसार इसपर पुल्लिंग के नियम लागू होंगे. पर हिंदी में व्यावहारिक रूप से इसे पुल्लिंग या स्त्रीलिंग किसी भी रूप में प्रयोग किया जा सकता है. ऐसे सवाल वही उठाते हैं जिन्हे अपनी मातृभाषा का व्याकरण है भी या नहीं, यही नहीं मालूम. पर वे लोग अंग्रेजी के बारे में ऐसे सवाल नहीं उठाते क्योंकि उन्हें अंग्रेजी का व्याकरण बचपन में अधकचरा रटा दिया जाता है.

    अब आपसे भी एक मौज (बुरा न मानें)

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    मैं ख़बरों का ब्लॉग बनाता हूँ वह अंतर्द्वंद

    मैं सेहत का ब्लॉग बनाता हूँ वह भी अंतर्द्वंद

    टेक्नोलोजी पर ब्लॉग भी अंतर्द्वंद

    शैक्षणिक ब्लॉग भी अंतर्द्वंद

    टिप्स / ट्रिक्स ब्लॉग भी अंतर्द्वंद

    पुस्तक/ उत्पाद/ फिल्म समीक्षा ब्लॉग भी अंतर्द्वंद

    चुटकुलों / हास्य ब्लॉग भी अंतर्द्वंद

    फ़िल्मी गानों और वीडियो दिखाने वाला ब्लॉग भी अंतर्द्वंद

    पाककला सिखाने वाला ब्लॉग भी अंतर्द्वंद

    किसी कंपनी ने अपनी नीतियों/ उत्पादों/ रणनीति की जानकारी देने के लिए ब्लॉग बनाया हो तो वह भी अंतर्द्वंद

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    कृपया सोच का दायरा बढ़ाइए, ब्लॉग्गिंग काफी आगे की और काफी व्यापक चीज़ है. अंतर्द्वंदों को दूसरों से बंटाना इसका सिर्फ एक छोटा सा पहलु है.

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  6. बहुत ही खोज खबर की आपने इस विषय पर, इसे कोई भी नाम दें बस उलझन बढ़ने ना पाये, कलम यूं ही चलती रहे चाहे ....शुभकामनायें ।

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  7. "कृपया सोच का दायरा बढ़ाइए, ब्लॉग्गिंग काफी आगे की और काफी व्यापक चीज़ है"- ab inconvenienti

    वही कोशिश कर रहा हूँ श्रीमान, बस आपके आशीर्वाद की जरुरत है !

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  8. बहुत लाजवाब रचना लगी, बिल्कुल सटीक. आपके अगले लेखों का भी इंतजार रहेगा.

    रामराम.

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  9. @Arvind Mishra
    अरविन्द जी वो तो मैं सोच ही नहीं पाया :)

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  10. गोदियाल जी! अन्तर्द्वन्द शब्द अपने भीतर के द्वन्द का द्योतक है और प्रत्येक पोस्ट अपने भीतर द्वन्द ही नहीं होता। पोस्ट में द्वन्द के अलावा बहुत कुछ हो सकता है जैसे कि दूसरों के लिये ज्ञान, स्वयं के अज्ञान को दूर करने के लिये विमर्श आदि। मुझे तो ब्लॉग के लिये यह शब्द नहीं जँचा। वैसे ब्लॉग के लिये चिट्ठा नाम भी मुझे सही नहीं लगता। कोई जरूरी नहीं है कि किसी एक भाषा के शब्द के लिये किसी दूसरी भाषा में कोई शब्द हो, इसीलिये एक भाषा के शब्द को दूसरी भाषा में अपना लिया जाता है जैसे कि अंग्रेजी ने हिन्दी के संस्कार, लूट, गुरु आदि शब्दों को ज्यों का त्यों अपना लिया। इसलिये मैं तो कहता हूँ कि ब्लॉग को ब्लॉग ही रहने दो कोई नाम ना दो ...

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  11. अवधिया साहब, आपकी और ab inconvenionti महोदय की बातों से काफी हद तक सहमत ! मगर, मेरा यह कहना है कि अगर आप किसी विज्ञानं, सामाजिक ज्ञान, शैक्षणिक ज्ञान अथवा खबर पर भी ब्लॉग (अंतर्द्वंद) लिख रहे है तो उसमे भी अपने दिलो-दिमाग की उपज की बाते डाल रहे है, अन्यथा तो वह किसी के लेख की नक़ल कहलायेगा ! तो वह ज्ञान जो आप लोगो को दे रहे है वह भी तो आपके मन-मस्तिष्क की ही उपज है! हाँ पर द्वन्द और ज्ञान शब्दों के अर्थो में मतभेद हो सकता है, मगर मेरे कहने का आशय यह है कि यदि हम १००% भी ब्लॉग का सही हिन्दी रूपांतरण न दे पाए फिर भी एक मिलताजुलता शब्द तो ढूंढ ही सकते है !

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  12. सही शब्द "अन्तर्द्वन्द्वकार" है जी।
    जान कर अच्छा लगा!
    बहुत-बहुत धन्यवाद!

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  13. शुक्रिया शास्त्री जी, भूल सुधार कर रहा हूँ !

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  14. Gambhir vishay hai. Blog chaahe jisne banaya par uska daayara aseemit hai. Hume Hindi English se baahar nikalkar blog ki upyogita par charcha karni chahiye. Ek Naya Shabd...""BHADAS""...Chahe aapki ho ya meri nikalti "bhadas" hi hai. bhai kaisi rahi...

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  15. आपको नहीं लगता कि सिर्फ ब्लोगर शब्द ही प्रयाप्त है ...किसी को ज्यादा ही परेशानी हो तो ब्लोगर (पुरुष/ महिला ) लिख दिया जाए ....
    आपके अंतर्द्वंद्व को पढने वाले बहुत है ...लिखते रहे ...
    नव वर्ष की शुभकामनायें ....!!

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  16. ब्लॉग,ब्लॉगर, ब्लॉगरी के स्थान पर अन्तर्द्वन्द्व. अन्तर्द्वन्द्वकार, अंतर्द्वन्द्विता शब्दों का इस्तेमाल करना शुरू करे !
    और तो जो होगा सो होगा लेकिन कहीं प्रिंटिंग की बात आयेगी तो स्याही का खर्चा बढ़ेगा। स्वास्थ्य के लिये शुभकामनायें।

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  17. "What's in a name? That which we call a rose
    By any other name would smell as sweet."

    -Shakespeare

    प्रणाम

    ’सकारात्मक सोच के साथ हिन्दी एवं हिन्दी चिट्ठाकारी के प्रचार एवं प्रसार में योगदान दें.’

    -त्रुटियों की तरफ ध्यान दिलाना जरुरी है किन्तु प्रोत्साहन उससे भी अधिक जरुरी है.

    नोबल पुरुस्कार विजेता एन्टोने फ्रान्स का कहना था कि '९०% सीख प्रोत्साहान देता है.'

    कृपया सह-चिट्ठाकारों को प्रोत्साहित करने में न हिचकिचायें.

    -सादर,
    समीर लाल ’समीर’

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  18. बच्चा गोदियाल, कल्याण हो! अच्छा नहीं..बहुत अच्छा लिखते हो..लिखते रहो..निरंतर..लगातार!

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  19. hhmmmmmmmmmmmmmmm

    बढिया लगा पढकर ।

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  20. नाम में क्या रखा है। ब्लाग भी चलेगा जी।

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  21. गोदियाल साहब,
    यहाँ कनाडा में अंग्रेज 'समोसा' को समोसा बोल कर काम चला ले रहे हैं...हम भी ब्लॉग और ब्लोग्गर से चला लेंगे ना....:)
    अब कंप्यूटर को 'अभिकलित्रिक यंत्र' कौन कहेगा भला ??? ....या फिर लैपटॉप को 'गोदी बैठान अभिकलित्रिक यंत्र' कहें का ???
    अरे जाने दीजिये....वैसे भी ब्लाग 'अंतर्द्वंद' कहाँ दिखाते हैं.... सारे के सारे 'आत्माभिव्यक्ति' ही दिखाते हैं... हाँ नहीं तो ...:)

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  22. गोदियाल साहब,असल मे हमारे पास समय बहुत है, काम धाम तो करना नही, ओर बुजुर्गो ने कहा भी सही है खाली दिमाग शेतान का घर है अब आप ब्लॉग कहें या अंतर्द्वंद्व टांग खीचने वालो ने अपना काम करना ही है, अजी हम मस्त है, आईदां हम भी इसे वही कहे गे जो सब को पसंद हो साथ मै पुरुष या स्त्रि बिलकुल नही लिखेगे.
    आप का बहुत धन्यवाद आज हिन्दी मै एक नया शव्द आप से मालूम मिला.

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  23. चिट्ठा और चिट्ठाकार शब्द तो हिंदी में चल ही रहे हैं :)

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  24. तुस्‍सी बड्डे मजाकिया हो जी ।

    अन्तर्द्वन्द्व. अन्तर्द्वन्द्वकार, अंतर्द्वन्द्विता । हमने जान लिया मानसिक संतुलन एकदम ठीक है । क्‍योंकि आप में अन्तर्द्वन्द्वकार तक ही सीमित रह गए । ठीक है हम पुरुष अन्तर्द्वन्द्वकार और महिला अन्तर्द्वन्द्वकार कहकर काम चला लेंगे । कहने में कठिनाई की वजह से इसका संक्षिप्‍त रूप अदका रखा जा सकता है ।

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  25. तुस्‍सी बड्डे मजाकिया हो जी ।

    अन्तर्द्वन्द्व. अन्तर्द्वन्द्वकार, अंतर्द्वन्द्विता । हमने जान लिया मानसिक संतुलन एकदम ठीक है । क्‍योंकि आप अन्तर्द्वन्द्वकार तक ही सीमित रह गए । ठीक है हम पुरुष अन्तर्द्वन्द्वकार और महिला अन्तर्द्वन्द्वकार कहकर काम चला लेंगे । कहने में कठिनाई की वजह से इसका संक्षिप्‍त रूप अदका रखा जा सकता है ।

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  26. अब जिसका जो मन करे वो कहता रहे....हमें तो सिर्फ लिखने और पढने से मतलब है...यदि "ब्लाग पंचायत" में किसी शब्द पर सहमति बन जाए तो बता दीजिएगा..हम भी वो ही कहने लगेंगें।

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  27. नाम में क्या रखा है असल तो काम है..

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  28. सर इससे उपयुक्त शब्द तो मुझे फ़िर चिट्ठा ही लगता है , वैसे विचार नया है इसलिए रोचक लगा

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  29. आप जो भी कहेंगे मान लेगें ।:) तय होते ही खबर किजिएगा।

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  30. हमारा ध्यान तो पहले कभी इस ओर गया ही नही....कुछ पोस्टे पढ़ी तो पता चला।....वैसे कोई भी नाम दो....मुझे लगता है कोई फर्क नही पड़ने वाला.....जिसे कोई उलझन खड़ी करनी है फिर कर लेगा...। वैसे हमारा लेखन उसी प्रकार का ही ज्यादातर होता जैसे शब्द आपने लिखे हैं।धन्यवाद।

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  31. ye bhi khoob rahi
    aap likhte rahein aur hum padhte rahein.

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  32. कोई दुअन्द नहीं पढा टिप्पणी की आगे चल दिये। अपना भी कोई पढे न पढे बस ठेल दिया। अक़्प कुओं टेन्शन लेते हैं ? शुभकामनायें

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  33. गोदियाल जी ....... नमस्कार ...... बिल्कुल सटीक ....

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सहज-अनुभूति!

निमंत्रण पर अवश्य आओगे, दिल ने कहीं पाला ये ख्वाब था, वंशानुगत न आए तो क्या हुआ, चिर-परिचितों का सैलाब था। है निन्यानबे के फेर मे चेतना,  कि...