...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
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वक्त की परछाइयां !
उस हवेली में भी कभी, वाशिंदों की दमक हुआ करती थी, हर शय मुसाफ़िर वहां,हर चीज की चमक हुआ करती थी, अतिथि,आगंतुक,अभ्यागत, हर जमवाडे का क्या कहन...

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नोट: फिलहाल टिप्पणी सुविधा मौजूद है! मुझे किसी धर्म विशेष पर उंगली उठाने का शौक तो नहीं था, मगर क्या करे, इन्होने उकसा दिया और मजबूर कर द...
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स्कूटर और उनकी पत्नी स्कूटी शहर के उत्तरी हिस्से में सरकारी आवास संस्था द्वारा निम्न आय वर्ग के लोगो के लिए ख़ासतौर पर निर्म...
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You have chosen sacred silence, no one will miss you, no one will hear your cries. No one will come to put roses on your grave wit...
चाचा ग़ालिब के जन्मदिन पर उनके भतीजो को पूरा हक है ... इसलिए इस नज़्म के लिए आपका बहुत बहुत आभार !
ReplyDeleteभाई जी , हम तो आपकी दीवानगी के कायल हो गए !
ReplyDeleteवरना शायर बनने की शर्तें सुन ,तो घायल हो गए ||
बधाई आपको!
शबाब पर शे'र लिख दिए , गोदियाल जी १/३ शायर तो आप बन ही गए । :)
ReplyDeleteअब ग़ालिब की तो क्या कहें पर आपका खूबसूरत प्रयास है ।
दीवानगी की आपके तनिक भी सुराग मिलते
ReplyDeleteहम बेबाक अपनी टिप्पणी यहां जड़ देते :)
वाह वाह हर शेर खुबसूरत शेर दाद को मुहताज नहीं , बहुत खूब
ReplyDeleteअसली ग़ालिब का तखल्लुस तो लगाया ही जा सकता है. जैसे चोटीवाला रेस्टोरेंट और फिर असली चोटीवाला रेस्टोरेंट...
ReplyDelete:) गिरती न कभी ओंस यकीं पे बदगुमानी की,
ReplyDeleteअगर तुम भी हमारी बात पे इत्तेफाक होते।
वाह क्या बात है ...
गौदियाल साहब .. आज ग़ालिब साहब जो होते तो दाद दिए बिना न रहते इस पर ... मज़ा आ गया ...
ReplyDeleteआपको नव वर्ष २०१२ की मंगल कामनाएं ...
प्रेम की तपिश में जलने का मज़ा वो ही जाने,
ReplyDeleteजिस के दिल में ये चिंगारी हरपल सुलगती है |
बढ़िया प्रस्तुति
टिप्स हिंदी में
गिरती न कभी ओंस यकीं पे बदगुमानी की,
ReplyDeleteअगर तुम भी हमारी बात पे इत्तेफाक होते।
behtarin prastuti..tuti futi nahi hai jaandaar hai sadar badhayee aaur amantran ke sath
अन्दाज ए शायराना है,
ReplyDeleteमर्ज यह पुराना है..
bahut khoobsurat shayari ban padi hai..
ReplyDeletebahut umda prastuti..
aapko Navvarsh kee managal kamanayen..