...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
वक्त की परछाइयां !
उस हवेली में भी कभी, वाशिंदों की दमक हुआ करती थी, हर शय मुसाफ़िर वहां,हर चीज की चमक हुआ करती थी, अतिथि,आगंतुक,अभ्यागत, हर जमवाडे का क्या कहन...

-
नोट: फिलहाल टिप्पणी सुविधा मौजूद है! मुझे किसी धर्म विशेष पर उंगली उठाने का शौक तो नहीं था, मगर क्या करे, इन्होने उकसा दिया और मजबूर कर द...
-
स्कूटर और उनकी पत्नी स्कूटी शहर के उत्तरी हिस्से में सरकारी आवास संस्था द्वारा निम्न आय वर्ग के लोगो के लिए ख़ासतौर पर निर्म...
-
You have chosen sacred silence, no one will miss you, no one will hear your cries. No one will come to put roses on your grave wit...
ध्यान हटाना ध्यान बटाना | क्या पता मृतक डेन्ग्यु से पहले ही ध्वस्त हो चूका हो? अन्यथा चिड़िया ने खेत तो चुग ही लिया था! आधिकारिक - अचानक - ताबडतोब मृत्युदंड वो भी एक 'मृतक' को, उसके ऊपर फिर अब पैकेजिंग और क्रेडिट क्लेइम, बयानबाजी, लगे हाथो दो चार विवादास्पद निवेदन चल पड़ेंगे, और भाई अब क्या पता अब कौनसी बड़ी भुत, वर्तमान या भावि क्रीडा पृष्ठभूमि में चल गयी है, चल रही है या चलने वाली है जिसके ऊपर का आवरण इससे अच्छा तो कौन सा होगा? वैसे आवरण यह एक नहीं है, यह आवरण-श्रृंखला है, धारावाहिक है जो चल पड़ा है, कभी वहां कभी तहां और ना जाने कहाँ कहाँ!
ReplyDeleteसच है, कैपिटल तो चला गया..
ReplyDeleteबहुत सार्थक रहा यह कार्टून!
ReplyDeleteजो चले गए , वे बाख गए . सबसे ज्यादा सजा तो कसाब को ही मिली.
ReplyDeleteहर पल मरा होगा वो.
उत्कृष्ट प्रस्तुति |
ReplyDeleteबधाई स्वीकारें ||
हा हा हा .... :)) :P
ReplyDeleteअब खान्ग्रेस अब किस मुद्दे पर राजनीति किया करेगी... ;D
बढ़िया तंज है भाई साहब 60 करोड़ का चूना लगा गया कसाब बिरयानी खाई सो अलग .
ReplyDelete