...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
प्रश्न -चिन्ह ?
पता नहीं , कब-कहां गुम हो गया जिंदगी का फ़लसफ़ा, न तो हम बावफ़ा ही बन पाए और ना ही बेवफ़ा।
-
स्कूटर और उनकी पत्नी स्कूटी शहर के उत्तरी हिस्से में सरकारी आवास संस्था द्वारा निम्न आय वर्ग के लोगो के लिए ख़ासतौर पर निर्म...
-
पहाड़ों की खुशनुमा, घुमावदार सडक किनारे, ख्वाब,ख्वाहिश व लग्न का मसाला मिलाकर, 'तमन्ना' राजमिस्त्री व 'मुस्कान' मजदूरों...
-
शहर में किराए का घर खोजता दर-ब-दर इंसान हैं और उधर, बीच 'अंचल' की खुबसूरतियों में कतार से, हवेलियां वीरान हैं। 'बेचारे' क...
काश आपका मशविरा मान लें लोग..
ReplyDeleteदीपोत्सव की मंगलकामनाएं.
सादर
अनु
जी ज़रूर ..... दीपावली की शुभकामनायें आपको भी
ReplyDeleteउम्मीद है बच्चे भी पढ़ेंगे :)
ReplyDeleteबहुत सही सलाह...दिवाली की शुभकामनायें!
ReplyDeleteसौ1 टकेै की एक बात!
ReplyDeleteनेक सलाह, नेक बात!
सही बात कही आपने | पटाखों को तो अब ना ही कह देना चाहिए |
ReplyDeleteदीपों का त्योहार यह, दीप से ही मनाओ;
"ना" कहो पटाखों को, रोशन जहां कर जाओ |
मेरी नई पोस्ट-बोलती आँखें
नेक सलाह ! काश की हर कोई पालन करता !बस एक दीया काफी है अँधेरा मिटाने को ,
ReplyDeleteस:परिवार दीपावली की ढेरों बधाइयाँ एवं शुभकामनाएं.......
धन्यवाद | आपको और परिवार को दीपावली की शुभकामनाएं ... अगर हम बच्चों को अकेले पटाखें फूंकने ना दें, आनंद, प्रतिक, परंपरा, माहात्म्य, सेलिब्रेशन - यह सब अच्छा है, परन्तु इस प्रथा में बेरोकटोक, बेशर्मी, बदतमीज़ी, बेलगाम उपभोग जो होता चला है, सरकार के किसी ठोस निती नियम अभाव में थोड़ी बहुत समजदारी मातापिता ही अपने सर पर प्रकट कर, बच्चों के साथ मर्यादा नागरिकोत्तम बनकर, सिलेक्टेड पटाखे फूंके .... सभ्यता के लिए एक अच्छा कदम होगा | पुन: सबको शुभकामनाएं और प्रणाम |
ReplyDeleteसुन्दर.
ReplyDeleteइस साल टोटल बैन कैसा रहेगा !
अब धरती से मेट दो, अन्धकार का नाम।
ReplyDeleteमन का दीपक बाल लो, करलो ये शुभकाम।।
सार्थक संदेश ... दीपावली की शुभकामनायें
ReplyDeleteआप सबको भी बहुत बधाई, दीवाली की।
ReplyDelete