मित्रों ! आज जो देश-परिवेश में घृणित राजनीति के दर्शन हमें नित हो रहे है, मैं समझता हूँ कि उसे हतोत्साहित करने की सख्त जरुरत है। आज यह जो अपराधीकरण राजनीति का हो गया है, जो भ्रष्टाचार की गंद यहाँ फैला दी गई है , जिस तरह इसे इन्होने अपनी पारिवारिक जागीर बना डाला है, उसे समाज के सामने आलेख,गीतों, कविताओं के माध्यम से लाना होगा, ताकि इस गंद को कुछ साफ़ किया जा सके। भ्रष्टाचार हमेशा ऊपर से नीचे को आता है, यदि शीर्षस्थ इंसान कठोर और ईमानदार हो तो अधीनस्थ भ्रष्टाचार करने से पहले दो बार सोचेगा। और मैं समझता हूँ कि शायद ब्लॉग्गिंग और सोशल मीडिया इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है।
खाते कमीशन सौदा फिक्स कर,
लानत ऐसी पॉलिटिक्स पर,
औहदे पाते पाद लिक्स कर,
लानत ऐंसी पॉलिटिक्स पर।
तराशें आपहूँ जियारत अपनी,
बना दी सियासत तिजारत अपनी,
मॉल बनाकर माल बेचते,
असली-नकली सभी मिक्स कर,
लानत ऐंसी पॉलिटिक्स पर।
चोरी-भ्रष्टाचार खेल-कूद है,
गुंडा-मवाली इनका वजूद है,
कौमन-वेल्थ की लूट मचाकर,
नुक्स बताते एथेलेटिक्स पर,
लानत ऐंसी पॉलिटिक्स पर।
इन्हें मिली यथार्थ स्वतंत्रता,
इनके लिए न कोई पात्रता,
हस्ताक्षर पे छाप अंगूठा,
परामर्श देते है फ़िजिक्स पर,
लानत ऐंसी पॉलिटिक्स पर।
धवल वसन तन, मन हैं काले,
करम है करना रोज घोटाले,
खुद देश चबाकर खा गए सारा,
और भाषण देते हैं एथिक्स पर,
लानत ऐंसी पॉलिटिक्स पर।
अभिवादन पर नोटों की माला,
मन बहलावे को नृत्य-बाला,
भक्ति-भजन को वक्त न मिलता,
पग थिरकाते बेशऊर लिरिक्स पर,
लानत ऐंसी पॉलिटिक्स पर।
हराम का खाते, काज न करते,
माँ-बहन का लिहाज न करते,
चाहे जितना पाल-पोश लो,
सियासत ऐसी मेरे किक्स पर,
लानत ऐंसी पॉलिटिक्स पर।।
नोट: रचना को लय-युक्त बनाने के लिए कुछ शब्दों को अपने हिसाब से तोड़ा-मरोड़ा है, मसलन इस लाइन " औहदे पाते पाद लिक्स कर " में लिक्स शब्द अंग्रेजी के शब्द lick का plural दर्शाया गया है। पाद लिक्स मतलब चरण चूमकर..................,इसीतरह चंद और शब्द भी इस्तेमाल किये है।
अच्छी बात कही है आपने !!
ReplyDeleteपाद लिक्स |
ReplyDeleteसियासत ऐसी मेरे किक्स पर-
बढ़िया प्रयोग-
पर इन कुक्कुर्मुत्तों पर कहाँ असर हो रहा है-
दुखद अफसोसनाक-परिस्थिति
सुंदर प्रस्तुति ...
ReplyDeleteगीतिका शर्मा आत्महत्या मामले में एक और दुखद मोड़ आ गया है। जहां अभी पूरे मामले में न्याय मिलना बाकी है वहीं शुक्रवार को गीतिका के मामा ने बताया कि गीतिका की मां अनुराधा शर्मा ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली है।
ReplyDeleteदिल्ली के अशोक विहार में उन्होंने खुदकुशी की है।
This bloodyshit Kanda has ruined a family completely. This is the sorry state of affairs of our politics today.
सुना है उसने बंद कर ली आँखे,
ReplyDeleteकई रातों से वो सोई नहीं थी !
बहुत शानदार नये शब्दों का उम्दा प्रयोग,,,
ReplyDeleterecent post: बसंती रंग छा गया
politics ki sateek parishabha...naye prayogo ka behtareen prayog...
ReplyDeletehttp://kahanikahani27.blogspot.in/
बहुत खूब भाई जी ..
ReplyDeleteबहुत सटीक बात कही है आपने.
ReplyDeleteरामराम.