...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
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मौन-सून!
ये सच है, तुम्हारी बेरुखी हमको, मानों कुछ यूं इस कदर भा गई, सावन-भादों, ज्यूं बरसात आई, गरजी, बरसी और बदली छा गई। मैं तो कर रहा था कबसे तुम...
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नोट: फिलहाल टिप्पणी सुविधा मौजूद है! मुझे किसी धर्म विशेष पर उंगली उठाने का शौक तो नहीं था, मगर क्या करे, इन्होने उकसा दिया और मजबूर कर द...
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पहाड़ी प्रदेश , प्राइमरी स्कूल था दिगोली, चौंरा। गांव से करीब दो किलोमीटर दूर। अपने गांव से पहाड़ी पगडंडी पर पैदल चलते हुए जब तीसरी कक्षा क...
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स्कूटर और उनकी पत्नी स्कूटी शहर के उत्तरी हिस्से में सरकारी आवास संस्था द्वारा निम्न आय वर्ग के लोगो के लिए ख़ासतौर पर निर्म...

:):) दार्शनिक अंदाज़ ...
ReplyDeleteसुन्दर अभिव्यक्ति नसीब सभ्रवाल से प्रेरणा लें भारत से पलायन करने वाले
ReplyDeleteआप भी जाने मानवाधिकार व् कानून :क्या अपराधियों के लिए ही बने हैं ?
मैडम कृपया मुझसे संपर्क करें ।मैं नसीब सभ्रवाल ,अक्की, पानीपत से।9716000302
Deleteवाह वाह ! क्या बात है ! किसकी तस्वीर है ये ? :)
ReplyDeleteअच्छे चित्र |
ReplyDeleteअच्छे शब्द-चित्र ||
सारी गलियां बंद हैं, सब कातिक में खेत |
ReplyDeleteकाशी के भैरव विवश, गायब शिव-अनिकेत |
गायब शिव-अनिकेत, चलो बैठकी जमायें |
रविकर ना परचेत, दिखें हैं दायें-बाएं |
जय बाबा की बोल, ढारता पारी पारी |
करके बोतल ख़त्म, कहूँगा आइ'म सॉरी ||
सब चित्र ही बखान रहा है..
ReplyDeleteमुफ्तखोरों की कोई कमी नहीं ..गटके जाओ बस...
ReplyDeleteबहुत खूब..
हा हा... बहुत बढ़िया है.. चित्र तो बहुत ही खोजकर लगाया है.
ReplyDeleteजय बाबा की बोल,ढारता पारी पारी |
ReplyDeleteकरके बोतल ख़त्म,कहूँगा आइ'म सॉरी ||
इस रचना के लिये,,,रविकर जी की सटीक टिप्पणी,
RECENT POST शहीदों की याद में,
मुद्दे यार किसके खाए पिए खिसके .
ReplyDeleteजाना सभी ने है ... इसलिए मत रहो ...
ReplyDeleteबहुत ही सही कहा आपने.
ReplyDeleteपर रामप्यारे तो अभी तक हमारे पास है.:)
रामराम.
आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति आज शुक्रवार के चर्चा मंच पर ।।
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