...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
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वक्त की परछाइयां !
उस हवेली में भी कभी, वाशिंदों की दमक हुआ करती थी, हर शय मुसाफ़िर वहां,हर चीज की चमक हुआ करती थी, अतिथि,आगंतुक,अभ्यागत, हर जमवाडे का क्या कहन...

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नोट: फिलहाल टिप्पणी सुविधा मौजूद है! मुझे किसी धर्म विशेष पर उंगली उठाने का शौक तो नहीं था, मगर क्या करे, इन्होने उकसा दिया और मजबूर कर द...
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स्कूटर और उनकी पत्नी स्कूटी शहर के उत्तरी हिस्से में सरकारी आवास संस्था द्वारा निम्न आय वर्ग के लोगो के लिए ख़ासतौर पर निर्म...
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You have chosen sacred silence, no one will miss you, no one will hear your cries. No one will come to put roses on your grave wit...
हा हा हा -
ReplyDeleteहा हा हा -
क्षमा सहित-
कैसा भैंसा किस तरफ, दाएँ बाएँ बोल |
दृष्टि-दोष जग को हुआ, लगता किसका मोल |
लगता किसका मोल, लगे दोनों ही तगड़े |
नीयत जाए डोल, कहीं होवे ना झगड़े |
राम राम हे मित्र, मिले गर ग्राहक ऐसा |
बिना मोल बिक जाय, स्वयं से रविकर भैंसा |
:):) अब तो अपनी औकात दो कौड़ी की भी नहीं है ॥
ReplyDeleteकौन पार्टी का समर्थक है ये भैंसा .
ReplyDeleteअपने से तो ये भैंसा ही अच्छा, प्रणाम इस महिषासुर को .:)
ReplyDeleteकहाँ से आया था ये भैंसा ... किसने पाल पास के इसे इस लायक बनाया ...
ReplyDeleteभैंसा करोड़ का और हम कौड़ियों के मोल ..
ReplyDeleteमहिषासुर मर्दनी को लाओ .
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