Saturday, February 16, 2013

कार्टून कुछ बोलता है- भैस की औकात !















खबर ndtv के सौजन्य से साभार !  

7 comments:

  1. हा हा हा -
    हा हा हा -
    क्षमा सहित-

    कैसा भैंसा किस तरफ, दाएँ बाएँ बोल |
    दृष्टि-दोष जग को हुआ, लगता किसका मोल |
    लगता किसका मोल, लगे दोनों ही तगड़े |
    नीयत जाए डोल, कहीं होवे ना झगड़े |
    राम राम हे मित्र, मिले गर ग्राहक ऐसा |
    बिना मोल बिक जाय, स्वयं से रविकर भैंसा |

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  2. :):) अब तो अपनी औकात दो कौड़ी की भी नहीं है ॥

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  3. कौन पार्टी का समर्थक है ये भैंसा .

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  4. अपने से तो ये भैंसा ही अच्छा, प्रणाम इस महिषासुर को .:)

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  5. कहाँ से आया था ये भैंसा ... किसने पाल पास के इसे इस लायक बनाया ...

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  6. भैंसा करोड़ का और हम कौड़ियों के मोल ..

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  7. महिषासुर मर्दनी को लाओ .

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प्रश्न -चिन्ह ?

  पता नहीं , कब-कहां गुम हो  गया  जिंदगी का फ़लसफ़ा, न तो हम बावफ़ा ही बन पाए  और ना ही बेवफ़ा।