Thursday, August 12, 2010

मनमोहन सिंह जी की जय बोलिए क्योंकि वे भी आज २२७३ दिन के प्रधानमंत्री हो गए !


आज जब एक दैनिक अंगरेजी अखबार की वेब-साईट पर उसकी न्यूज हेडिंग पर नजर गई तो पता चला कि मनमोहनसिंह जी इस देश के प्रधानमन्त्री की कुर्सी को लम्बे समय तक सुशोभित करने वाले तीसरे प्रधानमंत्री बन गए है ! नि:संदेह उनकी काबिलियत पर कोई शक नहीं किया जा सकता, मगर हर जगह इतनी अनिश्चितता के वातावरण में उस साईट का इस बात पर उत्साहित होना भी जायज ही है!

उनके बारे में मेरा यह अपना आंकलन रहा है कि श्री मनमोहन सिंह जी के साथ अक्सर हर चीज "अति" वाली सीमा तक रही है! वे अति की सीमा तक साफ़ छवि वाले ऐंसे ईमानदार व्यक्ति है, जिन्हें अपने नेतृत्व के अधीन हो रहे तमाम भ्रष्टाचारों में से कोई एक भी भ्रष्ट कृत्य अथवा घोटाला नजर नहीं आता है! वे एक बड़े अर्थशास्त्री भी है ! और सुनने में आया है कि दुनिया के कई बड़े देशों के नेतावों ने कुछ समय पहले कनाडा में संपन्न अन्तराष्ट्रीय बैठक में उनकी इस बात के लिए जमकर तारीफ़ भी की कि उन्होंने तरह-तरह के टैक्स अपनी जनता पर लगाकर अन्तराष्ट्रीय मंदी का सफलतापूर्वक मुकाबला किया! अब यह पता नहीं कि उनका यह मंदी के साथ अर्थशास्त्रीय मुकाबला था, अथवा इस देश के करोड़ों लोगो का अपने भूखे पेट पर नियत्रण रखने की क्षमता, जो लाखों टन अनाज मंडियों में सड़ता रहा, मगर लोग आईपीएल देखकर ही अपना वक्त गुजारते रहे ! और एक अच्छे अर्थशास्त्री के नाते उन्होंने जनता के दुःख दर्द को समझकर आगे भी कॉमनवेल्थ का खेल दिखाने का पक्का इंतजाम करा लिया है ! सरकारी महकमे और खेल समिति द्वारा जो करोड़ों का चूना देश की जनता के माथे पर उनके द्वारा दिए गए टैक्स की रकम का लगा है, उसकी क्षतिपूर्ति भी ये आगे चलकर इसी जनता पर और टैक्स लगाकर वसूलने वाले है ( क्या पता मृत्यु पर भी सर्विस टैक्स लग जाए, ज़िंदा अवस्था वाली तो कोई एक ऐसी चीज नहीं छोडी जिसपर कि सेवा कर न लगा दिया हो ) !मैं तो ये कहूंगा कि उनकी तारीफ़ में जिस किसी देश ने भी कसीदे कसे, भगवान् करे उनको भी इनके जैसा कोई अर्थशास्त्री शीघ्र मिले ताकि उनका भी यथाशीघ्र उद्धार हो !


हालांकि यह चित्र इस देश की भर्मित तस्वीर पेश कर रहा है, मगर अमेरिकियों और यूरोपीय लोगो की माने तो भारत एक नई शक्ति के रूप में तेजी से उभर रहा है ! हम भी इसी आश में बैठे है कि हमारा देश जल्द से जल्द दुनिया की जानी-मानी शक्ति बनकर उभरे,लेकिन जब तक पूरा उभरता है,तब तक श्री मनमोहन सिंह जी को उनकी इस उपलब्धि पर बहुत-बहुत बधाई !

22 comments:

  1. अच्छा चोट किए हैं आप..लेकिन ऊ एतना सीधा आदमी हैं कि उनको ई सब बात का कोनो असरे नहीं होता है... का कीजिएगा.

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  2. गोदियाल जी नमस्कार
    इस गुलाम प्रधानमन्त्री ने फूट डालो और राज करो के जो आयाम सथापित किए हैं उन्हें देखकर आक्रममकारी औरंगजेब और बाबर जैसे जल्लादों की कड़वी यादें जहन पर कहर ढा गईं।

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  3. हम भी इसी आश में बैठे है कि हमारा देश जल्द से जल्द दुनिया की जानी-मानी शक्ति बनकर उभरे,लेकिन जब तक पूरा उभरता है,तब तक श्री मनमोहन सिंह जी को उनकी इस उपलब्धि पर बहुत-बहुत बधाई !
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    उम्मीद पर दुनिया कायम है!
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    मनमोहन सिंह जी को उनकी इस उपलब्धि पर बहुत-बहुत बधाई !

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  4. बहुत बड़ी उपलब्धि है जी, लेकिन बधाई जनता को देनी चाहिये। नहीं क्या?

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  5. @चला बिहारी ब्लोगर बनने ji:
    निहायत बे.... किस्म का इंसान है!

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  6. @ sunil dutt ji:
    अगर आपने शुरूआती एक घंटे में मेरी ओरिजिनल पोस्ट पढी होती तो..... लेकिन अफ़सोस की बाद में किन्ही कारणों से मैंने पोस्ट को एडिट कर दिया !

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  7. तीसरे दीर्घायु प्रधानमंत्री को बधाई:)

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  8. @ मौसम कौन जी ,
    सारी मुसीबत की जड़ तो ये जनता ही है ! एक बे... इंसान अपने तुच्छ स्वार्थों के चलते भला आदमी बनकर देश की ऐसी तैसी करवा रहा है, मगर सब जानते हुए भी ये अनजान बने हुए है , आप चिट्ठा जगत को ही ले लीजिये, कितने लोग इस बारे में सीरिऔस होकर लिखते है ? ये सब तथाकथित बुद्धिजीवी भले इंसान बने रहना चाहते है ! इसी का फायदा ये समाज विरोधी पोलितीसियन उठाते है !

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  9. श्री मनमोहन सिंह जी को उनकी इस उपलब्धि पर बहुत-बहुत बधाई ! ओर इन की उपलब्धियां भारत कभी नही भुलेगा...... देश को गर्त मै लेजाने की

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  10. इतने दिन कुर्सी पर जमे रहकर क्या उखाड़ लिया। आमजन को इतने दिनों में क्या दिया, खाने को रोटी के लाले पडऩे लगे हैं, इतनी महंगाई दी। बहू-बेटी तो छोड़ो कोई भी घर से बाहर निकले तो घबराए, इतना अपराध दिया।

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  11. श्री मनमोहन सिंह जी को उनकी इस उपलब्धि पर बहुत-बहुत बधाई

    -एक सच्चा मगर अदना काग्रेसी सिपाही!! :)

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  12. बहुत अच्छी प्रस्तुति।

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  13. ऎसे ही दिन गुजरते जायेंगे होना तो कुछ नही है .
    मनमोहन सिंह की जय .
    मां के आशीर्वाद से सब समभ्व है . इसलिये राजमाता की भी जय

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  14. भैस के आगे बिन बजाये भैस गयी पगुराई ,इस व्यक्ति के पास महान कवि दिनकर द्वारा वर्णित एक नेता बंनने के सारे गुण मौजूद हैं यानि हाथी वाला चमरी और गधा वाला दिमाग और ऊपर से प्रधानमंत्री की कुर्सी | अब ऐसे लोग ही प्रधानमंत्री बन सकते हैं हमारे देश में ...आप इंसान हैं तो आप निश्चय ही सबसे अभागा हैं इस देश में ...और आपकी दुर्दशा निश्चित है ...

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  15. दया खाईये कुछ. हर अच्छा काम गाँधी परिवार के चरणों में डाल कर हर गलत काम अपने गले डालता है. ऐसा मूर्गा गाँधी परिवार को खोजे नहीं मिलता. धन्य है मनमोहन सिंह.

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  16. कुर्सी का लालच बहुत बुरा होता है ...नारा तो दिया था ..कांग्रेस का हाथ आम आदमी के साथ ...पर हो रहा है कांग्रेस अध्यक्ष का हाथ मनमोहन जी के साथ ...

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  17. पता नही देश को यह बोझ कब तक ढोना है.....2273 दिन तक एक कठपुतली के हाथ मे विश्व का सबसे बडा प्रजातन्त्र....???

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  18. जब तक युवराज सिहासन के लिये तैयार नहीं हो जाता कुर्सी गरम रखने का "यह यंत्र" झेलना ही होगा.

    भला बिना पैसा खर्च किये ये देश अमेरिका हो जायेगा? कुछ तो कीमत चुकानी ही होगी.

    ईमानदार इतने की उम्र का एक लम्बा हिस्सा पंजाब में गुजार कर पिछले छ: साल से असम के रास्ते संसद के पिछले दरवाजे (राज्य सभा)से घुसकर इस भारतीय भेड़्तन्त्र को अमेरिकी तान पर हांक रहे हैं!

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  19. इस उपलब्धि पर मनमोहन सिंह को ताऊ-रत्न की उपाधि से नवाजे जाने की घोर अनुशंशा की जाती है.

    रामराम.

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  20. कुर्सी का लालच बहुत बुरा होता है ...

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  21. जे हो क्या उपलब्धि है ... मैडम की जे हो .....
    गोदियाल जी नमस्कार ...

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प्रश्न -चिन्ह ?

  पता नहीं , कब-कहां गुम हो  गया  जिंदगी का फ़लसफ़ा, न तो हम बावफ़ा ही बन पाए  और ना ही बेवफ़ा।