Saturday, June 20, 2020

अफसोस ये भी...

चलचित्र को बदनाम किया,
स्वार्थी,चरित्रहीन खानों ने,
वतन को नीचा दिखलाया,
कुछ बिके हुए इन्सानों ने।

1 comment:

  1. :):) :)

    कुछ कहाँ हैं बहुत सारे हैं हर जगह हैं बिके हुऐ
    कुछ दिखते हैं सामने रहते हैं बाकी रहते हैं छिपे हुऐ।

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प्रश्न -चिन्ह ?

  पता नहीं , कब-कहां गुम हो  गया  जिंदगी का फ़लसफ़ा, न तो हम बावफ़ा ही बन पाए  और ना ही बेवफ़ा।