Friday, August 28, 2009

हम लोग कितनी जल्दी निष्कर्षो पर पहुंच जाते है न ?

इसमें कोई दो राय नहीं कि हाल में बहुचर्चित देहरादून रणवीर एनकाउंटर केस में उत्तराखंड पुलिस की भुमिका अशोभनीय थी! मगर तथ्यों को जाने बगैर, उसकी पूरी छानबीन किये बगैर, हम और हमारा महान मीडिया जगत कितनी जल्दी अपराधी को क्लीन चिट और पूरे पुलिस महकमे को गालिया दे देते है, उन्हें भला-बुरा कहने लगते है!हम लोगो ने कभी यह सोचा कि इन सबके चलते क्या प्रेरणा लेकर कोई ईमानदार पुलिस अफसर भी आगे से अपने फर्ज को सही अंजाम देगा ? रणवीर एनकाउंटर केस दुखद था कि उसे पुलिस द्वारा इस तरह इतनी बड़ी सजा नहीं दी जानी चाहिए थी, मगर उसे पाक-साफ़ बताने वाले लोग क्या इस खबर पर भी गौर फरमाएंगे;

(खबर जागरण प्रकाशन के सौजन्य से)
देहरादून। रणवीर एनकाउंटर केस में सीबीआई ने रणवीर के एक और साथी बागपत निवासी अशोक को गिरफ्तार कर लिया। सीबीआई अदालत ने उसे चौदह दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। सीबीआई की लगातार यह दूसरी गिरफ्तारी है। इससे पूर्व सीबीआई, बागपत निवासी राम कुमार को गिरफ्तार कर चुकी है।

राजधानी के बहुचर्चित रणवीर एनकाउंटर केस की परतें धीरे-धीरे खुलने लगी हैं। मामले में गुरुवार को सीबीआई ने उत्तार प्रदेश के बागपत जिले के दोघट निवासी अशोक कुमार को गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि अशोक, रणवीर के साथ डकैती की योजना से दून आया था। उसे सीबीआई मजिस्ट्रेट पारुल गैरोला की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने अशोक को चौदह दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। अशोक पर दरोगा से पिस्टल लूट, षड़यंत्र में शामिल होने व सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। इसी आरोप में बुधवार को सीबीआई ने बागपत के बड़ौत क्षेत्र के बामनौली निवासी राम कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

नौकर सीबीआई हिरासत में

सूत्रों की मानें तो सीबीआई ने डालनवाला क्षेत्र के उस घर के नौकर को हिरासत में लिया है, जहां रणवीर व उसके साथी डकैती डालने के इरादे से आए थे। सूत्रों ने बताया कि मामले में नौकर की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। माना जा रहा है कि उसी ने डकैती की योजना बनाई थी। माना जा रहा है कि एक या दो दिन में सीबीआई कुछ और गिरफ्तारियां कर सकती है।

पुलिसकर्मियों को नहीं मिलेगी राहत

सूत्रों ने बताया कि भले ही सीबीआई, दरोगा से लूट व मारपीट की घटना को सही मानकर मृतक रणवीर के साथियों की गिरफ्तारी कर रही है, लेकिन रणवीर की कथित मुठभेड़ के आरोपी पुलिसकर्मियों को भी राहत नहीं मिलेगी। सूत्रों ने बताया कि, सीबीआई को जांच में यह सुराग भी मिल चुके हैं कि, रणवीर को गिरफ्तार करने के बाद मारा गया।

पुलिस की गाड़ी में मिले खून के धब्बे

सीबीआई सूत्रों ने बताया कि मुठभेड़ मामले में जांच में सीबीआई को पुलिस की एक गाड़ी में खून के धब्बे मिले हैं। बताया जा रहा है कि जांच में यह धब्बे, रणवीर के खून के पाए गए हैं। ऐसे में जाहिर है कि मुठभेड़ से पूर्व रणवीर को लहूलुहान हालत में इसी गाड़ी में मुठभेड़ स्थल तक ले जाया गया।
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हकीकत यह भी है कि उस शान्ति प्रिय नगरी में पश्चमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली से गए अपराधी तत्व हाल के वर्षो में, जब से देहरादून में प्रोपर्टी बूम आया, भूमाफिया और यही से गए हुए और वहा दूकान जमाये बैठे प्रोपर्टी डीलरों के साथ मिलकर स्थानीय लोगो में अपना दबदबा कायम करने के लिए इस तरह की घटनाओं को अंजाम देते है, और जब कभी पुलिस उन पर कारवाही करने की कोशिश करती है, तो वे वापस पश्चमी उत्तरप्रदेश भाग आते है !

6 comments:

  1. विचार योग्य प्रश्न,

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  2. FACTS ARE STRANGER THAN FICTION !!


    EVERY STEP MUST BE TAKEN TO SAVE THE BEAUTIFUL UTTARAKHAND FROM FALLING PREY TO GOONS OF U.P. ! I DO NOT BELONG TO UR STATE BUT I ADMIRE THE CONTRIBUTION OF UTTATARAKHANDI SOLDIERS IN SAVING INDIA TIME AND AGAIN . JAI BADRIVISHAL .

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  3. Thank you, very much Mr. Munish for your kind words, I appreciate your feelings.

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  4. I fully agree with Mr. Muneesh, The peaceful and lovely state of Uttarakhand should not be ruined by Delhi goons...

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  5. सब से पहले मानवाधिकार आयोग को बंद करना चाहिए जो हर किसी एन्काऊंटर को फ़ेक या मानवाधिकार उल्लंघन का ठप्पा लगा देती है। यह सही है कि कभी-कभी पुलीस से भूल-चूक हो सकती है पर इसका यह मतलब तो नहीं कि पुलिस की हर कार्रवाई को नकारा जाय।

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प्रश्न -चिन्ह ?

  पता नहीं , कब-कहां गुम हो  गया  जिंदगी का फ़लसफ़ा, न तो हम बावफ़ा ही बन पाए  और ना ही बेवफ़ा।