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दुनिया भर में तेजी से बढ़ता हिंदू धर्म का प्रभाव देखिये कि वारसॉ, पोलैंड में एक नन ने इस्कॉन (कृष्ण चेतना के लिए इंटरनेशनल सोसायटी) के खिलाफ एक मामला अदालत में दायर किया था ! नन ने अदालत में टिप्पणी की कि इस्कॉन अपनी गतिविधियों को पोलैंड और दुनियाभर में फैला रहा है, और पोलैंड में इस्कॉन ने अपने बहुत से अनुयायी तैयार कर लिए है ! अत: वह इस्कॉन पर प्रतिबन्ध चाहती है क्योंकि उसके अनुयायियों द्वारा उस 'कृष्णा' को महिमामंडित किया जा रहा है, जो ढीले चरित्र का था और जिसने १६,००० गोपियों से शादी कर रखी थी ! इस्कॉन के वकील ने न्यायाधीश से अनुरोध किया : "आप कृपया इस नन से वह शपथ दोहराने के लिए कहें, जो उसने नन बनते वक्त ली थी" न्यायाधीश ने नन से कहा कि वह जोर से वह शपथ सुनाये, लेकिन वह ऐसा नहीं करना चाहती थी ! फिर इस्कॉन के वकील ने खुद ही वह शपथ पढ़कर सुनाने की न्यायाधीश से अनुमति माँगी ! आगे बढ़ो, न्यायाधीश ने कहा ! उसने शपथ पढ़कर सुनाई, शपथ में यह है कि नन ने यीशु मसीह से शादी की है ! इस्कॉन के वकील ने कहा , "मी लोर्ड ! भगवान् कृष्ण पर तो सिर्फ यह आरोप है कि उन्होंने 16,000 गोपियों से शादी की थी, मगर दुनिया में दस लाख से भी अधिक नने हैं , जिन्होंने यह शपथ ली है कि उन्होंने यीशु मसीह से शादी कर रखी है! अब आप ही बताइये कि यीशु मसीह और श्री कृष्ण में से कौन अधिक लूज कैरेक्टर ( निम्न चरित्र ) हैं ? साथ ही ननो के चरित्र के बारे में आप क्या कहेंगे ? न्यायाधीश ने दलील सुनने के बाद मामले को खारिज कर दिया !
दुनिया भर में तेजी से बढ़ता हिंदू धर्म का प्रभाव देखिये कि वारसॉ, पोलैंड में एक नन ने इस्कॉन (कृष्ण चेतना के लिए इंटरनेशनल सोसायटी) के खिलाफ एक मामला अदालत में दायर किया था ! नन ने अदालत में टिप्पणी की कि इस्कॉन अपनी गतिविधियों को पोलैंड और दुनियाभर में फैला रहा है, और पोलैंड में इस्कॉन ने अपने बहुत से अनुयायी तैयार कर लिए है ! अत: वह इस्कॉन पर प्रतिबन्ध चाहती है क्योंकि उसके अनुयायियों द्वारा उस 'कृष्णा' को महिमामंडित किया जा रहा है, जो ढीले चरित्र का था और जिसने १६,००० गोपियों से शादी कर रखी थी ! इस्कॉन के वकील ने न्यायाधीश से अनुरोध किया : "आप कृपया इस नन से वह शपथ दोहराने के लिए कहें, जो उसने नन बनते वक्त ली थी" न्यायाधीश ने नन से कहा कि वह जोर से वह शपथ सुनाये, लेकिन वह ऐसा नहीं करना चाहती थी ! फिर इस्कॉन के वकील ने खुद ही वह शपथ पढ़कर सुनाने की न्यायाधीश से अनुमति माँगी ! आगे बढ़ो, न्यायाधीश ने कहा ! उसने शपथ पढ़कर सुनाई, शपथ में यह है कि नन ने यीशु मसीह से शादी की है ! इस्कॉन के वकील ने कहा , "मी लोर्ड ! भगवान् कृष्ण पर तो सिर्फ यह आरोप है कि उन्होंने 16,000 गोपियों से शादी की थी, मगर दुनिया में दस लाख से भी अधिक नने हैं , जिन्होंने यह शपथ ली है कि उन्होंने यीशु मसीह से शादी कर रखी है! अब आप ही बताइये कि यीशु मसीह और श्री कृष्ण में से कौन अधिक लूज कैरेक्टर ( निम्न चरित्र ) हैं ? साथ ही ननो के चरित्र के बारे में आप क्या कहेंगे ? न्यायाधीश ने दलील सुनने के बाद मामले को खारिज कर दिया !
बना के अपना सगा ले गई थी,
मुझे मेरे घर से भगा ले गई थी,
गले मिलने की जिद पर उतरके ,
मुझसे दिल अपना लगा ले गई थी।
जवाँ-गबरू गाँव का पढ़ा-लिखा,
शरीफ सा भोला-भाला जो दिखा,
माँ-बाप को मेरे दगा दे गई थी,
मुझे मेरे घर से भगा ले गई थी।
अपनी ही दुनिया में खोया-खोया,
जमाने के रंगों से मैं बेखबर सोया,
पिचकारी मारके जगा ले गई थी,
मुझे मेरे घर से भगा ले गई थी।
होली खेलन का तो इक बहाना था,
असल मकसद ढूढना कान्हा था,
चतुरनार भोले को ठगा ले गई थी,
मुझे मेरे घर से भगा ले गई थी !!
आप सभी को होली की ढेर सारी शुभकामनाये !
होली का तो बस इक बहाना था,
ReplyDeleteमकसद ढूढना तो इक कान्हा था,
हा हा हा ! इस बहाने पर कुर्बान !
होली की शुभकामनायें ।
कृष्ण प्रसंग आश्चर्यचकित करने वाला है ।
अपनी तरह का एक मुकदमा
ReplyDeleteओ तेरे की।
ReplyDeleteभैया हम तो अभी से ही ईसा मसीह के फैन हो गये हैं। दस लाख? कृष्ण तो सोलह हजार पर ही सिमट गया लेकिन ईसा तो अपनी गिनती बढाने पर लगा है।
अनूठा रंग जोड़ दिया जी आपने इस बार की होली में....
ReplyDeleteकुंवर जी,
मस्त फुहारें लेकर आया,
ReplyDeleteमौसम हँसी-ठिठोली का।
देख तमाशा होली का।।
--
होली की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
वाह वाह गोदियाल जी आपका अंदाज ही निराला है।
ReplyDeleteहोली शुभकामना
आप सब को भी होली की हार्दिक मंगलकामनाएं.
ReplyDeleteउम्दा प्रस्तुति
ReplyDeleteरंगों का त्यौहार बहुत मुबारक हो आपको और आपके परिवार को|
वकील के दलील को नमस्कार .......... रंगों का त्यौहार बहुत मुबारक हो आपको और आपके परिवार को.............
ReplyDeleteगोदियाल नमस्ते
ReplyDeleteबहुत अच्छी जानकारी दी अपने शीसे के मकान रखने वाले भी पत्थर चला रहे है वास्तव में इस्लाम और ईशाई दो में बड़ी ही घबडाहट है ,मुसलमान तो बहुत ही परेशान है क्यों कि जब-तक युरोशलम पर कब्ज़ा नहीं हो जाता तब-तक इस्लाम की सार्थकता सिद्ध नहीं होती ,आखिर यहूदियों को भी जिन्दा रहने का अधिकार तो है ही लेकिन विश्व के मुसलमान यहूदियों को शत्रु घोषित किये हुए है- कही ऐसा न ही की उब कर यहूदियों को मक्का व मदीना पर बम चलाना न पड़े तो क्या होगा?
ननो के किस्से यहां बहुत होते हे जी, अब क्या बताये, वेसे भी यह गुस्से वालिया ओर झगडालू स्व्भाब की होती हे, बहुत कम नान अच्छी ओर मिलन सार होती हे, धन्यवाद
ReplyDeleteहोली की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
गजब का वकील था. होली की कविता भी बहुत अच्छी लगी..
ReplyDeleteगोंदियल साहब अपने होली के अवसर पर बड़ा मजेदार किस्सा सुनाया है. आपको होली की बहुत बहुत शुभकामनायें.
ReplyDeleteहाँ मैंने भी कल पंडित ढाबे पर जा करके के नान खाई मगर उसका स्वाद तो अलग था., खैर ईशा मशीह साहेब को होली कि बधाई और साथ में आप सबको,
ReplyDeleteकविता तो मस्त हैं,
आप को सपरिवार होली की हार्दिक शुभ कामनाएं.
ReplyDeleteसादर
बहुत लाजवाब जानकारी.
ReplyDeleteहोली पर्व की घणी रामराम.
भजन करो भोजन करो गाओ ताल तरंग।
ReplyDeleteमन मेरो लागे रहे सब ब्लोगर के संग॥
होलिका (अपने अंतर के कलुष) के दहन और वसन्तोसव पर्व की शुभकामनाएँ!
रहिमन इस संसार में भांति भांति के लोग .. :):)
ReplyDeleteहोली की शुभकामनायें
इनके कलुषित मन होली में साफ हो जायेंगे
ReplyDeleteसुरक्षित , शांतिपूर्ण और प्यार तथा उमंग में डूबी हुई होली की सतरंगी शुभकामनायें ।
यहां तो होली की मस्त फ़ुहारें पड रही हैं……………आपको और आपके पूरे परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर..होली की हार्दिक शुभकामनायें!
ReplyDeleteहोली पर आप को परिवार के साथ शुभ कामनाएं ।
ReplyDeleteये त्यौहार सबके जीवन में कमसेकम सौ बार आये ॥
इन ननों (कीचड़ के सनों) को आखिर शीशा दिखा ही दिया,
इसके लिए धन्यवाद |
वाह बहुत बढ़िया जवाब!
ReplyDeleteआपको भी परिवार सहित होली की बहुत-बहुत मुबारकबाद... हार्दिक शुभकामनाएँ!
सचमुच मजेदार केस
ReplyDeleteप्रणाम स्वीकार करें
रंगों की चलाई है हमने पिचकारी
ReplyDeleteरहे ने कोई झोली खाली
हमने हर झोली रंगने की
आज है कसम खाली
होली की रंग भरी शुभकामनाएँ
होली का त्यौहार आपके सुखद जीवन और सुखी परिवार में और भी रंग विरंगी खुशयां बिखेरे यही कामना
ReplyDeleteगौडियाल जी ... आप हमेशा कुछ न कुछ मजेदार खबर लाते रहते हैं ... जे हो इस महिला नन की ...
ReplyDeleteआपको और समस्त परिवार को होली की हार्दिक बधाई और मंगल कामनाएँ ....
मजेदार, ये खबर तो पढ़ा था, लेकिन आपने अच्छे से समझा दिया.
ReplyDeleteआपको होली की बहुत बहुत शुभकामनाये!!
आदरणीय पी.सी.गोदियाल "परचेत" जी
ReplyDeleteसादर सस्नेहाभिवादन !
रंग भरा प्रणाम !
बहुत मजेदार रहा यह तो …लूज कैरेक्टर !
… और कविता भी कमाल !
वो पहली ही मर्तबा ले गई थी,
मुझे मेरे घर से भगा ले गई थी!
होली का तो बस इक बहाना था,
मकसद ढूढना रहा इक कान्हा था,
चतुरनार भोले को ठगा ले गई थी!
हाऽऽहाऽऽऽह ! सौदा घाटे का तो बिलकुल नहीं लगा … :)
मुबारक हो ! हार्दिक बधाई !
♥ होली की शुभकामनाएं ! मंगलकामनाएं !♥
होली ऐसी खेलिए , प्रेम का हो विस्तार !
मरुथल मन में बह उठे शीतल जल की धार !!
- राजेन्द्र स्वर्णकार
भाई साहब!
ReplyDeleteजो भागना न चाहे उसे भगा कौन सकता है?
जो जागना न चाहे उसे जगा कौन सकता है??
मन की गहराई में कहीं न कहीं आपकी सहमति
जरूर छिपी थी। हा....हा....हा.....हा....हा......
ऐसा फागुन में ही संभव है।
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वह साड़ी में थी हरी - हरी।
रसभरी रसों से भरी - भरी॥
नैनों से डाका डाल गई-
बंदूक दग गई धरी - ध्ररी॥
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होली मुबारक़ हो। सद्भावी -डॉ० डंडा लखनवी
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नन की स्थति को ऐसी बन गयी की न तो उगलते बने और न निगलते....
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