...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
प्रश्न -चिन्ह ?
पता नहीं , कब-कहां गुम हो गया जिंदगी का फ़लसफ़ा, न तो हम बावफ़ा ही बन पाए और ना ही बेवफ़ा।
-
स्कूटर और उनकी पत्नी स्कूटी शहर के उत्तरी हिस्से में सरकारी आवास संस्था द्वारा निम्न आय वर्ग के लोगो के लिए ख़ासतौर पर निर्म...
-
पहाड़ों की खुशनुमा, घुमावदार सडक किनारे, ख्वाब,ख्वाहिश व लग्न का मसाला मिलाकर, 'तमन्ना' राजमिस्त्री व 'मुस्कान' मजदूरों...
-
शहर में किराए का घर खोजता दर-ब-दर इंसान हैं और उधर, बीच 'अंचल' की खुबसूरतियों में कतार से, हवेलियां वीरान हैं। 'बेचारे' क...
बॉल नहीं मिलेगी तो मैच बंद हो जाएगा। छक्का धीरे से बाऊंड्री पार करो।
ReplyDeleteकोर्ट कार्यशील।
ReplyDeleteये हुई ना कोई बात.:)
ReplyDeleteरामराम.
सही है सर!....:)
ReplyDeleteसही मारा है , छक्का ।
ReplyDeleteअपनी ही छाया से छेड़्छाड.... बुरी बात:)
ReplyDeleteहा हाआआआआआआआआआआ:)
ReplyDeleteबढ़िया रहा छक्का!
ReplyDelete.....
ReplyDeleteदे जमाके..
ReplyDeleteआपका कार्टून असर कर गया थोमस सा :को आपके छाक्के ने बौंडरी से बाहर कर ही दिया.
ReplyDeleteदे घुमा के....
ReplyDeleteसन्नाट...
ReplyDelete