
...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
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वक्त की परछाइयां !
उस हवेली में भी कभी, वाशिंदों की दमक हुआ करती थी, हर शय मुसाफ़िर वहां,हर चीज की चमक हुआ करती थी, अतिथि,आगंतुक,अभ्यागत, हर जमवाडे का क्या कहन...

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स्कूटर और उनकी पत्नी स्कूटी शहर के उत्तरी हिस्से में सरकारी आवास संस्था द्वारा निम्न आय वर्ग के लोगो के लिए ख़ासतौर पर निर्म...
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कल मेरे ब्लॉग पर एक टिप्पणीकार ने निम्नलिखित टिपण्णी दी , तो सोचा क्यों न उनकी ख्वाइश के मुताविक आज मैं भी एक अच्छी पोस्ट लिख डालूँ ; Kumar ...
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पता नहीं , कब-कहां गुम हो गया जिंदगी का फ़लसफ़ा, न तो हम बावफ़ा ही बन पाए और ना ही बेवफ़ा।
बॉल नहीं मिलेगी तो मैच बंद हो जाएगा। छक्का धीरे से बाऊंड्री पार करो।
ReplyDeleteकोर्ट कार्यशील।
ReplyDeleteये हुई ना कोई बात.:)
ReplyDeleteरामराम.
सही है सर!....:)
ReplyDeleteसही मारा है , छक्का ।
ReplyDeleteअपनी ही छाया से छेड़्छाड.... बुरी बात:)
ReplyDeleteहा हाआआआआआआआआआआ:)
ReplyDeleteबढ़िया रहा छक्का!
ReplyDelete.....
ReplyDeleteदे जमाके..
ReplyDeleteआपका कार्टून असर कर गया थोमस सा :को आपके छाक्के ने बौंडरी से बाहर कर ही दिया.
ReplyDeleteदे घुमा के....
ReplyDeleteसन्नाट...
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