
...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
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प्रश्न -चिन्ह ?
पता नहीं , कब-कहां गुम हो गया जिंदगी का फ़लसफ़ा, न तो हम बावफ़ा ही बन पाए और ना ही बेवफ़ा।
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स्कूटर और उनकी पत्नी स्कूटी शहर के उत्तरी हिस्से में सरकारी आवास संस्था द्वारा निम्न आय वर्ग के लोगो के लिए ख़ासतौर पर निर्म...
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अगस्त २००८ के आस-पास मैंने ब्लॉग-जगत में कदम रखा था! तबसे ब्लोगर मित्रों और सम्माननीय पाठकों की प्रेरणा पाकर मैंने एक लघु उपन्यास, ४१ कहानिय...
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शहर में किराए का घर खोजता दर-ब-दर इंसान हैं और उधर, बीच 'अंचल' की खुबसूरतियों में कतार से, हवेलियां वीरान हैं। 'बेचारे' क...
बॉल नहीं मिलेगी तो मैच बंद हो जाएगा। छक्का धीरे से बाऊंड्री पार करो।
ReplyDeleteकोर्ट कार्यशील।
ReplyDeleteये हुई ना कोई बात.:)
ReplyDeleteरामराम.
सही है सर!....:)
ReplyDeleteसही मारा है , छक्का ।
ReplyDeleteअपनी ही छाया से छेड़्छाड.... बुरी बात:)
ReplyDeleteहा हाआआआआआआआआआआ:)
ReplyDeleteबढ़िया रहा छक्का!
ReplyDelete.....
ReplyDeleteदे जमाके..
ReplyDeleteआपका कार्टून असर कर गया थोमस सा :को आपके छाक्के ने बौंडरी से बाहर कर ही दिया.
ReplyDeleteदे घुमा के....
ReplyDeleteसन्नाट...
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