बादशाह मछेरे,
तुमने मत्स्य जाल,
गुरुकाय व्हेल के ऊपर
डाला क्यों था?
जिन्न की रिहायश
बोतल में होती है,
यवसुरा* की शीशी से (*बीयर)
निकाला क्यों था?
बुजुर्ग फरमा गए
कर्म के चार अभ्यास,
ब्रह्मचर्य,गृहस्थ,
वानप्रस्थ और संन्यास !
वक्त-ऐ-मोक्ष,
काम मॉडल का
निराला क्यों था ?
बादशाह मछेरे, तुमने
अपना मत्स्य जाल,
गुरुकाय व्हेल के ऊपर
डाला क्यों था?
किंगफिशर की विफलता पर एक चुटकी !
बहुत अच्छा लिखा है ..
ReplyDeletekalamdaan.blogspot.in
बचपन का रोग
ReplyDeleteमगर तुमने बुढ़ापे में
पाला क्यों था?
वाह , बहुत खूब.............
bahut achcha shabdjaal...bahut sundar.
ReplyDeleteबालक बुढा एक समान :)
ReplyDeleteबहुत सटीक लिखा है। भोला मछेरा खुद ही फंस गया। विशाल व्हेल के भार से स्वयं ही खिंचकर डूब गया। व्हेल का कुछ न बिगाड़ सका।
ReplyDeleteबचपन का रोग बुढ़ापे में... :)
ReplyDeleteयह भ्रम न रहे कि
ReplyDeleteहवा में हिचकोले तुम्ही ने खाये,
अपने वक्त पे
जहाज तो हमने भी खूब उडाये !bahut khoob
ज़बरदस्त... शब्दों का अच्छा खेल :)
ReplyDeleteवाह ...बहुत ही अच्छी प्रस्तुति ।
ReplyDeleteभोला मछेरा, भारी मछली, स्वयं ही डूब गया।
ReplyDeleteबचपन का रोग
ReplyDeleteमगर तुमने बुढ़ापे में
पाला क्यों था?
वाह क्या बात हैं!!