Friday, February 24, 2012

बादशाह मछेरा !


बादशाह मछेरे, 
तुमने मत्स्य जाल,
गुरुकाय व्हेल के ऊपर
डाला क्यों था?


जिन्न की रिहायश
बोतल में होती है,
यवसुरा* की शीशी से        (*बीयर)   
निकाला क्यों था?

बुजुर्ग फरमा गए
कर्म के चार अभ्यास,
ब्रह्मचर्य,गृहस्थ,
वानप्रस्थ और संन्यास !
वक्त-ऐ-मोक्ष,
काम मॉडल का
निराला क्यों था ?


बादशाह मछेरे, तुमने
अपना मत्स्य जाल,
गुरुकाय व्हेल के ऊपर
डाला क्यों था?




किंगफिशर की विफलता पर एक चुटकी  !

11 comments:

  1. बहुत अच्छा लिखा है ..
    kalamdaan.blogspot.in

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  2. बचपन का रोग
    मगर तुमने बुढ़ापे में
    पाला क्यों था?

    वाह , बहुत खूब.............

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  3. bahut achcha shabdjaal...bahut sundar.

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  4. बहुत सटीक लिखा है। भोला मछेरा खुद ही फंस गया। विशाल व्हेल के भार से स्वयं ही खिंचकर डूब गया। व्हेल का कुछ न बिगाड़ सका।

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  5. बचपन का रोग बुढ़ापे में... :)

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  6. यह भ्रम न रहे कि
    हवा में हिचकोले तुम्ही ने खाये,
    अपने वक्त पे
    जहाज तो हमने भी खूब उडाये !bahut khoob

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  7. ज़बरदस्त... शब्दों का अच्छा खेल :)

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  8. वाह ...बहुत ही अच्‍छी प्रस्‍तुति ।

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  9. भोला मछेरा, भारी मछली, स्वयं ही डूब गया।

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  10. बचपन का रोग
    मगर तुमने बुढ़ापे में
    पाला क्यों था?

    वाह क्या बात हैं!!

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संशय!

इतना तो न बहक पप्पू ,  बहरे ख़फ़ीफ़ की बहर बनकर, ४ जून कहीं बरपा न दें तुझपे,  नादानियां तेरी, कहर  बनकर।