Monday, February 20, 2012

शिव अराधना





अनुतप्त न होगा कभी तेरा मन,
कर भोर भये भोले का सुमिरन|

रख शिव चरणों में मनोरथ अपना,
निश्चित मनोकामना होगी पूरन||


सरल सहृदय मन कृपालु बड़े है,
जय भोलेनाथ सन्निकट खड़े है|

अनसुलझी रहे न कोई उलझन,
कर भोर भये भोले का सुमिरन||

सिंहवाहिनी सौम्य छटा में रहती,
तारणी प्रभु शीश जटा से बहती|

ढोल, शंखनाद, घडियाली झनझन,
कर भोर भये भोले का सुमिरन||

नील कंठेश्वर इस जग के रब है,
धन-धान्य वही, वही सुख-वैभव है|

प्रभु-पाद सम्मुख फैलाकर आसन,
कर भोर भये भोले का सुमिरन||


तारणहार जयशंकर विश्व-विधाता,
सर्व शक्तिमान शिव जग के दाता|

न्योछावर करके अपना तन-मन,
कर भोर भये भोले का सुमिरन||
.
.
 

13 comments:

  1. सुन्दर आराधना, जय भोलेनाथ..

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  2. .

    अनसुलझी रहे न कोई उलझन,

    कर भोर भये भोले का सुमिरन||


    भोले भंडारी के सुमिरन से ही अपना बेडा पार हो रहा है...

    .

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  3. न्योछावर करके अपना तन-मन,

    कर भोर भये भोले का सुमिरन||
    .

    सुंदर शिव स्मरण ...!!

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  4. महा शिवरात्रि की शुभकामनायें ।

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  5. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    ओम् नमः शिवाय!
    महाशिवरात्रि की शुभकामनाएँ!

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  6. सरल सहृदय मन कृपालु बड़े है,

    जय भोलेनाथ सन्निकट खड़े है|

    अनसुलझी रहे न कोई उलझन,

    कर भोर भये भोले का सुमिरन||... मन को शांत करती आराधना

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  7. आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच
    पर की गई है। चर्चा में शामिल होकर इसमें शामिल पोस्ट पर नजर डालें और इस मंच को समृद्ध बनाएं.... आपकी एक टिप्पणी मंच में शामिल पोस्ट्स को आकर्षण प्रदान करेगी......

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  8. तारणहार जयशंकर विश्व-विधाता,

    सर्व शक्तिमान शिव जग के दाता|

    न्योछावर करके अपना तन-मन,

    कर भोर भये भोले का सुमिरन||
    सत्यम शिवम् सुन्दरम .
    बहुत सुन्दर आराधना शोधित करती तन मन को .

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  9. जय भोले भंडारी की ...
    हर-हर महादेव !

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  10. आज जनता नीलकंठ बनी नेताओं का गरल पी रही है:)

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  11. कर भोर भये भोले का सुमिरन...
    बहुत सुन्दर आराधन.
    शिवरात्री की मंगलकामनाएं...

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संशय!

इतना तो न बहक पप्पू ,  बहरे ख़फ़ीफ़ की बहर बनकर, ४ जून कहीं बरपा न दें तुझपे,  नादानियां तेरी, कहर  बनकर।