कातिब-ऐ-तकदीर को मंजूर पाया,
तस्सवुर में तुम्हारा हसीं नूर पाया।
(कातिब-ऐ-तकदीर=विधाता) (तस्सवुर में = ख्यालों में )
तस्सवुर में तुम्हारा हसीं नूर पाया।
(कातिब-ऐ-तकदीर=विधाता) (तस्सवुर में = ख्यालों में )
बिन पिए ही मदमस्त हो गए हम,
तरन्नुम में तुम्हारे वो सुरूर पाया।
(तरन्नुम= गीत )
तरन्नुम में तुम्हारे वो सुरूर पाया।
(तरन्नुम= गीत )
कुछ बात है हममे, जो हमें तुम मिले,
मन में पलता इक ऐंसा गुरुर पाया।
मन में पलता इक ऐंसा गुरुर पाया।
सेहर हसीं और शामे रंगीं हो गई,
तुमसा जब इक अपना हुजूर पाया।
(सेहर = सुबह )
तुमसा जब इक अपना हुजूर पाया।
(सेहर = सुबह )
जब निहारने नयन तुम्हारे हम गए,
उन्हें प्यार के खुमार में ही चूर पाया ।
उन्हें प्यार के खुमार में ही चूर पाया ।
बेकस यूँ लगा, खो गई महक फूल की,
तुमको जब कभी अपने से दूर पाया।
(बेकस = अकेला )
तुमको जब कभी अपने से दूर पाया।
(बेकस = अकेला )
waah!
ReplyDeletelajawab prastuti...
shabdo ke arth sath-sath dene ke liye dhhanyawad...
kunwar ji
वाह! बहुत खूब लिखा है...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteInteresting..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर हमेशा की तरह.
ReplyDeleteवाह वाह गोदियाल जी ।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रेम राग है ।
क्या उर्दू में कोई कोर्स कर लिया है ! :)
डा० साहब, तमन्ना तो बहुत थी सीखने की, मगर उर्दू पढनी आती नहीं, हाँ आजकल उर्दू की एक डिक्शनरी ( रोमन इंग्लिश में ) हाथ लगी है, "Intekhab-O-Lughat" उसे पढ़ रहा हूँ :) आप भी इस लिंक पर पढ़ सकते है ;
ReplyDeletehttp://www.learningurdu.com/urdudictionary.asp
bahut sunder rachna ...
ReplyDeleteबहुत खुबसूरत ग़ज़ल हर शेर लाजबाब , मुबारक हो
ReplyDeleteतेरा आना..मन के सब फूलों का खिल जाना..
ReplyDeletebahut hi badhiyaa
ReplyDeleteबहुत खूब
ReplyDeletewaah kya baat hei....sharab se jyada nasha hei sanam ki ankhon mei
ReplyDeleteखूबसूरत गीत !
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर पंक्तियाँ
ReplyDeleteआपकी पोस्ट चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
ReplyDeleteकृपया पधारें
http://charchamanch.blogspot.com
चर्चा मंच-805:चर्चाकार-दिलबाग विर्क>
कातिबे तकदीर को मंजूर पाया, (कातिब-ऐ-तकदीर=विधाता)
ReplyDeleteतस्सवुर में तेरा हसीं नूर पाया।
shbdon ke arth samjhaaye ehsaan kiyaa .khoobsoorati aur badhi prem geet kee .
shbdon ke arth samjhaaye ehsaan kiyaa .khoobsoorati aur badhi prem geet kee .
ReplyDeletenice one
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