Sunday, January 3, 2021

उम्मीद कायम है...

 








उम्मीदों से भरा ये मिज़ाज अच्छा है, 

जश्न मनाने का ये रिवाज़ अच्छा है,

आगे चलके गुल जो भी खिलाये मगर,

 इस नये साल का आगाज़ अच्छा है।

10 comments:

  1. बहुत सुन्दर रचना।
    बधाई हो आपको।

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  2. नव वर्ष मंगलमय हो सपरिवार।

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    1. आपको भी, सपरिवार नूतनबर्ष की मंगलमय कामना सर।

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  3. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार(०४-०१-२०२१) को 'उम्मीद कायम है'(चर्चा अंक-३९३६ ) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है
    --
    अनीता सैनी

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  4. नए साल के अवसर पर खूबसूरत पंक्तियाँ।

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  5. नए वर्ष के लिए शुभकामनायें

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प्रश्न -चिन्ह ?

  पता नहीं , कब-कहां गुम हो  गया  जिंदगी का फ़लसफ़ा, न तो हम बावफ़ा ही बन पाए  और ना ही बेवफ़ा।