उम्मीदों से भरा ये मिज़ाज अच्छा है,
जश्न मनाने का ये रिवाज़ अच्छा है,
आगे चलके गुल जो भी खिलाये मगर,
इस नये साल का आगाज़ अच्छा है।
...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
निमंत्रण पर अवश्य आओगे, दिल ने कहीं पाला ये ख्वाब था, वंशानुगत न आए तो क्या हुआ, चिर-परिचितों का सैलाब था। है निन्यानबे के फेर मे चेतना, कि...
बहुत सुन्दर रचना।
ReplyDeleteबधाई हो आपको।
🙏
Deleteनव वर्ष मंगलमय हो सपरिवार।
ReplyDeleteआपको भी, सपरिवार नूतनबर्ष की मंगलमय कामना सर।
Deleteजी नमस्ते ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार(०४-०१-२०२१) को 'उम्मीद कायम है'(चर्चा अंक-३९३६ ) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है
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अनीता सैनी
नए साल के अवसर पर खूबसूरत पंक्तियाँ।
ReplyDeleteआभार, आप सभी का।
ReplyDeleteनए वर्ष के लिए शुभकामनायें
ReplyDeleteसुन्दर सृजन।
ReplyDeleteआभार, आप सभी का।
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