Sunday, January 31, 2021

प्रश्न

फिरकापरस्ती एंव सियासी चाल के

जहां असंख्य मुरीद हों ऐसे,

गणतंत्र किसान ट्रैक्टर परेड की आढ मे

लालकिले के दीद हों ऐसे,

फिर तो सोचते ही रहो 'परचेत' कि

देश-हित के फैसले मुफी़द हों कैसे।

3 comments:

सहज-अनुभूति!

निमंत्रण पर अवश्य आओगे, दिल ने कहीं पाला ये ख्वाब था, वंशानुगत न आए तो क्या हुआ, चिर-परिचितों का सैलाब था। है निन्यानबे के फेर मे चेतना,  कि...