मजहब और खुदा का वास्ता देकर लगातार झूठ पर झूठ, और फिर सब कुछ कबूल ! हम तो यह भी नहीं पूछते कि पहले क्यों ना-नुकुर कर रहे थे जनाब ?और बन्दे की हिम्मत देखिये, अपने दुश्मन देश की पहले एक लडकी को बीबी बनाया, ऐश किये और फिर तलाक देकर, चौड़ा होकर दूसरी लडकी को बीबी बनाने ले जा रहा है! और लोग तथा मीडिया ७६ जवानो की निर्मम ह्त्या की खबर को अनदेखा कर उसकी खातिरदारी और प्रचार (टी आर पी ) में जुटे है! फर्ज कीजिये कि अगर शोएब भारतीय होता और आयशा-सानिया पाकिस्तानी , और यही कुछ उस वक्त भी होता तो क्या उसके वहाँ से सही-सलामत लौट आने की उम्मीद की जा सकती थी ? बस इतना ही कहूंगा कि धन्य है...............!!!
...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
Thursday, April 8, 2010
बस एक ख़याल यूँ ही...
मजहब और खुदा का वास्ता देकर लगातार झूठ पर झूठ, और फिर सब कुछ कबूल ! हम तो यह भी नहीं पूछते कि पहले क्यों ना-नुकुर कर रहे थे जनाब ?और बन्दे की हिम्मत देखिये, अपने दुश्मन देश की पहले एक लडकी को बीबी बनाया, ऐश किये और फिर तलाक देकर, चौड़ा होकर दूसरी लडकी को बीबी बनाने ले जा रहा है! और लोग तथा मीडिया ७६ जवानो की निर्मम ह्त्या की खबर को अनदेखा कर उसकी खातिरदारी और प्रचार (टी आर पी ) में जुटे है! फर्ज कीजिये कि अगर शोएब भारतीय होता और आयशा-सानिया पाकिस्तानी , और यही कुछ उस वक्त भी होता तो क्या उसके वहाँ से सही-सलामत लौट आने की उम्मीद की जा सकती थी ? बस इतना ही कहूंगा कि धन्य है...............!!!
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प्रश्न -चिन्ह ?
पता नहीं , कब-कहां गुम हो गया जिंदगी का फ़लसफ़ा, न तो हम बावफ़ा ही बन पाए और ना ही बेवफ़ा।
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धन्य है...............!!! सच में
ReplyDeleteसही कहा आपने
ReplyDeleteअगर शोयब हिन्दुस्तानी होता तो अभी तक तो नामो निशाँ मिट गया होता
सच में धन्य है भारत के लोग सच में कितनी सहिस्नुता है इनमे ??
आपसे सहमत।
ReplyDeleteइनको सब माफ है। ये हन्दू थोड़े ही है।
ReplyDeleteबहुत ज्वलंत प्रश्न ....
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ReplyDeleteभय्या इतिहास बांच ओ .कोई नयी बात है क्या .
ReplyDeleteगोदियाल जी ,
ReplyDeleteनमस्कार....
मैं वापिस आ गया हूँ..... बहुत ख़ुशी हुई यह देख कर कि टिप्पणी का ऑप्शन आपने खोल दिया..... अब विचारों का प्रवाह मेरा....रुकेगा नहीं....
सादर
महफूज़...
apki baat se puri tarah sehmat hu. kash is mudde ko is roop me uthaya jaye.
ReplyDeletekhushkhabri mehfooz bhai vapas aa gye hai
ReplyDeletegodiyaal sir ki post par comment ayaa hai..
सही कहा आपने
ReplyDeleteHindustan main ladko ki kami ho gai hai kya ?
ReplyDeleteहमारा सुर: धन्य है/....
ReplyDeleteपुरातन बात है जी. नमन.
ReplyDeleteरामराम.
फिर से स्वागत है महफूज भाई आपका ! और हाँ, मेरी तरफ से वधाई स्वीकारे !
ReplyDeleteसहमत हूं आपसे और आपके ही जरिये महफ़ूज़ का स्वागत कर लेता हूं और उन्हे बधाई भी देता हूं।
ReplyDeleteपहले तो ये मियाँ जी कह रहे थे कि ये मेरी महाआपा(बडी बहन) है,बाद में बीबी मान लिया:-)
ReplyDeleteधन्य हो!
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ReplyDeleteवत्स जी,आप की बात पर मै उसको "मुसलमान" कह दूं तो.....
ReplyDeleteचलो छोडो!नहीं कहता,मेरे कहने से वो बदल थोड़े ही जाएगा!अब उन में चलता होगा ये सब,हम क्यों गन्दगी में पत्थर मेरे जी!
और गोदियाल जी,आपने बात को बिलकुल सही तरीके से पकड़ा है!
पर हिन्दुस्तानियों को तो सिर्फ पेट भरने के चक्कर ने जकड़ा है!
कुंवर जी,
धन्य है!
ReplyDeleteअजी वही पुराना वोट बैंक जिसके आगे सब ठीक है!
आप की बात से सहमत हूं……………।मगर ये हिन्दुस्तान है……………यहाँ दुश्मन को भी गले लगाया जाता है…………इसे सिद्ध किया जा रहा है…………धन्य है सच में
ReplyDeleteबड़ी शिद्दत के सथ पढ़ा है आपकी पोस्ट को!
ReplyDeleteआपसे 100% सहमत
ReplyDeleteसच मच ... धनी है हमारा मीडीया ... जान की नही स्टेटस की परवा, पैसे की परवा करता है ...
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