जनता बेवकूफ है, तभी तो उच्चपदस्थ मुट्ठी भर लोग इन्हें मूर्ख बनाने में सक्षम है। कुछ लोग कह रहे है कि अब आई पी एल का सच सामने आने वाला है, मैं कहता हूँ जो चीज झूठ की ही बुनियाद पर खडी थी, उसका अब क्या सच सामने आयेगा? कुछ भ्रष्ट लोगो के लिए यह देश आज भी सोने की चिड़िया ही है, क्योंकि यह चिड़िया इन मूर्ख देशवासियों की जेबों से उड़कर उनके पास जाती है। एक सैनिक जिसने देश की चौकसी में उम्र गुजार दी, उसकी मृत्यु पर हम इसलिए मुआवजा नहीं देना चाह रहे कि उसकी मौत शायद हार्ट अटैक से हुई थी और दूसरी तरफ इस देश के लोगो की जेबों से इतना धन बर्षा कि सचिन और धोनी रातों-रात अरबपति बन बैठे। हम उन्हें भगवान मान बैठे। सता पे काबिज इन लोगो को जब अपनी कुर्सी पर आंच आती नजर आई तो अब यह सब ड्रामा लोगो की आँखों में धुल झोंकने के लिए शुरू हुआ , क्या इन्हें या इनकम टैक्स को कल तक यह बात मालूम नहीं थी ? जब तक लूट सको लूटो बस यही सिद्धांत बनकर रह गया, उसके बाद जांच बिठा दो जनता की तस्सली के लिए। कोड़ा का क्या हुआ ? १९८४ के दंगो का क्या हुआ? उसके बाद जो भी घटनाएं, घोटाले घटे, उनकी जांच का क्या हुआ? हम कहते है कि राजनीति में युवा शक्ति को लाओ, आज की युवा शक्ति भी तो शशि थूरूर ही है, और माननीय विदेश राज्य मंत्री यह न भूले कि अगर धुंवा उठा है तो कहीं आग तो जरूर लगी होगी !!!!!
...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
Friday, April 16, 2010
आई पी एल- क्या सच क्या झूठ !
जनता बेवकूफ है, तभी तो उच्चपदस्थ मुट्ठी भर लोग इन्हें मूर्ख बनाने में सक्षम है। कुछ लोग कह रहे है कि अब आई पी एल का सच सामने आने वाला है, मैं कहता हूँ जो चीज झूठ की ही बुनियाद पर खडी थी, उसका अब क्या सच सामने आयेगा? कुछ भ्रष्ट लोगो के लिए यह देश आज भी सोने की चिड़िया ही है, क्योंकि यह चिड़िया इन मूर्ख देशवासियों की जेबों से उड़कर उनके पास जाती है। एक सैनिक जिसने देश की चौकसी में उम्र गुजार दी, उसकी मृत्यु पर हम इसलिए मुआवजा नहीं देना चाह रहे कि उसकी मौत शायद हार्ट अटैक से हुई थी और दूसरी तरफ इस देश के लोगो की जेबों से इतना धन बर्षा कि सचिन और धोनी रातों-रात अरबपति बन बैठे। हम उन्हें भगवान मान बैठे। सता पे काबिज इन लोगो को जब अपनी कुर्सी पर आंच आती नजर आई तो अब यह सब ड्रामा लोगो की आँखों में धुल झोंकने के लिए शुरू हुआ , क्या इन्हें या इनकम टैक्स को कल तक यह बात मालूम नहीं थी ? जब तक लूट सको लूटो बस यही सिद्धांत बनकर रह गया, उसके बाद जांच बिठा दो जनता की तस्सली के लिए। कोड़ा का क्या हुआ ? १९८४ के दंगो का क्या हुआ? उसके बाद जो भी घटनाएं, घोटाले घटे, उनकी जांच का क्या हुआ? हम कहते है कि राजनीति में युवा शक्ति को लाओ, आज की युवा शक्ति भी तो शशि थूरूर ही है, और माननीय विदेश राज्य मंत्री यह न भूले कि अगर धुंवा उठा है तो कहीं आग तो जरूर लगी होगी !!!!!
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प्रश्न -चिन्ह ?
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आग होगी नहीं जी,लपटे उठ रही है लपटे!
ReplyDeleteकुंवर जी,
bilkul sahi kaha aapne...........jhooth ki buniyaad mein sach kahan milega.
ReplyDeleteआपकी बातों से सहमत हैं.
ReplyDeleteजब तक सूरज चाँद रहेगा..
ReplyDeleteऐसा यह हिन्दुस्तान रहेगा...
चाहे कितनी कोशिश कर लो..
नेता तो बस बेईमान रहेगा.
bilkul sahi kaha
ReplyDeleteSATH ME SATTA BAZARI BHI BADHI HAI
bilkul sahi farmaya , godiyal ji .
ReplyDeleteगोदियाल भाई !
ReplyDeleteआपकी मौलिकता काबिले तारीफ़ है ...आपकी अलग ही छबि बंटी है ! शुभकामनायें !
सच है .... राजनीतिक और उन से सभी लोगों के लिए आज भी देश सोने की चिड़िया है ......
ReplyDeleteआपकी बातों से सहमत हैं.
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